केरल में 8 दिन पहले आया मॉनसून, एमपी में भी हफ़्तेभर पहले पहुंचने की संभावना
मॉनसून एक हफ्ते में देश के दक्षिणी और पूर्वोत्तर राज्यों को कवर कर सकता है। 4 जून तक मध्य और पूर्वी भारत तक पहुंचेगा।

नई दिल्ली। देश में मॉनसून की एंट्री हो चुकी है। शनिवार को केरल में मॉनसून ने दस्तक दी। यह अपने तय समय से करीब एक सप्ताह पहले चल रहा है। इस साल केरल में मानसून का आगमन पिछले 16 वर्षों में सबसे जल्दी हुआ है। मौसम विभाग के मुताबिक पिछले साल मानसून 30 मई को केरल पहुंचा था। इस बार यह अपने तय समय 1 जून से 8 दिन पहले पहुंच गया है।
मौसम विभाग के मुताबिक, दक्षिण-पश्चिम मॉनसून चार दिन से देश से करीब 40-50 किलोमीटर दूर अटका हुआ था। शुक्रवार शाम आगे बढ़ा। इसके आज ही तमिलनाडु और कर्नाटक के कई इलाकों में पहुंचने की संभावना है। वहीं, एक हफ्ते में देश के दक्षिणी और पूर्वोत्तर राज्यों को कवर कर सकता है। 4 जून तक मध्य और पूर्वी भारत तक पहुंचेगा।
मौसम विभाग ने केरल के तटीय और आंतरिक क्षेत्रों में आंधी की चेतावनी दी है। मछुआरों सहित आम लोगों को एहतियाती उपाय करने की सलाह दी है। केरल, कर्नाटक और लक्षद्वीप के तटों पर 27 मई तक मछली पकड़ने के लिए समुद्र में जाने पर रोक लगा दी गई है।
मध्य प्रदेश में भी मॉनसून के इस बार हफ्तेभर पहले पहुंचने की संभावना है। आम तौर पर राज्य में 15 जून तक मॉनसून की दस्तक होती है। इस बार 10 जून से पहले मॉनसून के एंट्री की संभावना है। इस बार राज्य में अच्छी बारिश की भी संभावना जताई जा रही है। राज्यभर में प्री मॉनसून एक्टिविटी भी जारी है और कई जिलों में जोरदार बारिश हुई है।
IMD के आंकड़ों के मुताबिक, बीते 150 साल में मानसून के केरल पहुंचने की तारीखें काफी अलग रही हैं। 1918 में मानसून सबसे पहले 11 मई को केरल पहुंच गया था, जबकि 1972 में सबसे देरी से 18 जून को केरल पहुंचा था। मौसम विभाग ने अप्रैल में कहा था कि 2025 के मानसून सीजन के दौरान अल नीनो की संभावना नहीं है। यानी इस साल सामान्य से ज्यादा बारिश होगी। कम बारिश की आशंका न के बराबर है।