बारिश में पत्तों की तरह बह गए शिवराज सरकार में बने 4 पुल, 3 हजार करोड़ से ज्यादा थी लागत

MP में बाढ़ से सिंध नदी पर 36 साल पहले बने दो पुल का रिकॉर्ड गायब, बह गए कुल 6 पुलों में से 4 का निर्माण शिवराज सरकार के कार्यकाल का

Updated: Aug 05, 2021, 02:43 PM IST

ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर चंबल संभाग में बारिश से बर्बादी का आंकलन सामने आया है। बारिश के बाद आयी बाढ़ की चपेट में दर्जनों गांवों के हजारों लोग आ गए। लेकिन हैरानी तब ज्यादा हुई जब नदियों पर बने छह पुल पत्तों की तरह टूटते और बहते दिखे। बांधों के गेट खोले जाने के बाद सिंध और सीप नदी के पानी ने कुल 6 पुलों को ध्वस्त कर दिया। इनमें से चार पुल का निर्माण शिवराज सरकार में हुआ था। कुल साढ़े 3 हजार करोड़ रुपए से अधिक की लागत से बने ये पुल पानी में बह गए और इसके साथ ही सरकारी पैसा भी पानी हो गया। एक पुल का निर्माण तो महज़ चार साल पहले ही हुआ था।

मंगलवार को पहले सिंध नदी के तेज धार में गोराघाट के नजदीक लांच का पुल और रतनगढ़ वाली माता मंदिर का पुल बह गया था। इसके बाद बुधवार को दतिया जिले में सिंध नदी पर बने सेंवढ़ा और इंदुर्खी पुल बह गए। बुधवार को ही सीप नदी पर बने श्योपुर- मानपुर और श्योपुर-बडोदा मार्ग के 2 पुल बाढ़ की चपेट में आ गए। उधर नरवर-ग्वालियर को जोड़ने वाले पुल का एक हिस्सा भी बुरी तरह छतिग्रस्त है।

इन पुलों के निर्माण की अवधि देखी जाए तो दो ही ऐसे हैं जो पुराने हैं, वरना बाकी के चार पुलों का निर्माण हाल के वर्षों में करोड़ों रुपए खर्चकर हुआ है। बताया जा रहा है कि दतिया-सेंवढ़ा को जोड़ने वाली सिंध नदी पर 1982 में पुल बनाया गया था। इसी तरह, श्योपुर जिले के गिरधरपुर-मानपुर में पुल का निर्माण साल 1985 में हुआ था। 

यह भी पढ़ें: नरोत्तम मिश्रा बने खतरों के खिलाड़ी, रेस्क्यू ऑपरेशन को बनाया एडवेंचर ट्रिप, वीडियो वायरल

करोड़ों रुपए के खर्च से हाल के वर्षों में बने पुल के इस तरह धराशायी होने को लेकर कई गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। सिंध नदी पर बने 3 पुल जो टूटे हैं उनमें रतनगढ़ - बसई साल 2010 में, इंदरगढ़-पिछोर साल 2013 में और गोरई-अडोखर साल 2017 में बने थे। इसके अलावा श्योपुर-बड़ोदा को जोड़ने वाला सीप नदी पर बना एक पुल भी साल 2013 में बना था। इन चारों पुल को बनाने में करीब 3 हजार 355 करोड़ की लागत आई थी। 

कांग्रेस ने इस पूरे मामले में उच्चस्तरीय जांच और जवाबदेही तय करने की मांग की है। पीसीसी चीफ कमलनाथ ने ट्वीट किया, 'प्रदेश के दतिया ज़िले में बारिश से रतनगढ़, लांच के बाद अब सनकुआं के पुल बहने की घटना बेहद गंभीर व चिंताजनक है। कुछ ही वर्षों पूर्व, करोड़ों की लागत से बने ये पुल, बारिश के पानी में पत्ते की तरह बह गये, कैसा निर्माण कार्य? इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जाँच हो,जवाबदेही तय हो।'