मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने पुलिस थानों के लिए जारी किए आदेश, अब हर कमरे में लगाने होंगे सीसीटीवी कैमरे
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने पुलिस थानों में प्रत्येक कमरे और स्थान पर ऑडियो सुविधा के साथ सीसीटीवी कैमरे लगाने का सख्त आदेश पारित किया है।

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति गुरपाल सिंह अहलूवालिया की एकलपीठ ने प्रदेश के सभी पुलिस थानों में प्रत्येक कमरे और स्थान पर ऑडियो सुविधा के साथ सीसीटीवी कैमरे लगाने का सख्त आदेश पारित किया है। कोर्ट ने कहा है कि आदेश तिथि से तीन माह के भीतर पुलिस थानों के अंदर कोई भी कमरा या स्थान सीसीटीवी कवरेज से अछूता नहीं रहना चाहिए। इसके लिए राज्य के पुलिस महानिदेशक को निर्देश दिए गए हैं कि वे सभी पुलिस अधीक्षकों से इसकी अनुपालन रिपोर्ट प्राप्त करें, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि कहीं भी कोई ब्लैक स्पॉट न हो।
हाई कोर्ट ने चेतावनी दी है कि यदि इस आदेश का पालन नहीं हुआ तो संबंधित जिले के पुलिस अधीक्षक और पुलिस स्टेशन के एसएचओ के खिलाफ न्यायालय की अवमानना के लिए सख्त कार्रवाई की जाएगी। कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि पूर्व में ग्वालियर के पुलिस अधीक्षक को दिए गए निर्देशों का ठीक से पालन नहीं हुआ था, जो चिंताजनक है। इसलिए कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि प्रत्येक पुलिस अधीक्षक से अनुपालन की रिपोर्ट एक महीने के भीतर प्राप्त हो जाए और उसके बाद दो महीने के भीतर सभी पुलिस थानों के सभी कमरों को सीसीटीवी कैमरों के कवरेज में लाया जाए।
यह आदेश अनूपपुर निवासी अखिलेश पांडे द्वारा दायर एक याचिका पर दिया गया। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया था कि वह एक कंपनी में मैनेजर है और अनूपपुर के भालूमाड़ा थाने की पुलिस उससे पांच हजार रुपये रिश्वत मांग रही थी। रिश्वत न देने पर उसके खिलाफ फर्जी मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया और थाने में मारपीट की गई। इतना ही नहीं, एक पुलिसकर्मी ने अपनी वर्दी स्वयं फाड़कर दोष याचिकाकर्ता पर मढ़ दिया। सूचना के अधिकार के तहत प्राप्त सीसीटीवी फुटेज से सच्चाई सामने आई, जिसे देखते हुए हाई कोर्ट ने आरोपित पुलिस कर्मियों पर एक लाख 20 हजार रुपये का जुर्माना लगाया, जो याचिकाकर्ता को दिया जाएगा। इसके साथ ही, घटना के दिन तैनात थाना प्रभारी समेत समूचे स्टाफ को 900 किलोमीटर दूर स्थानांतरित करने का भी आदेश जारी किया गया।
हाई कोर्ट ने निर्देश दिया है कि मध्य प्रदेश राज्य के सभी पुलिस थानों में सीसीटीवी कैमरे लगाने के संबंध में पुलिस महानिदेशक अपनी रिपोर्ट 18 फरवरी, 2025 तक प्रस्तुत करें। यदि रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की जाती है, तो अदालत के रजिस्ट्रार जनरल इस मामले में रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे और इसके साथ ही अवमानना के लिए अलग मामला दर्ज किया जाएगा।