अब जेल में होगा भैया इज बैक, SC ने रद्द की रेपिस्ट ABVP नेता की जमानत, हफ्तेभर में सरेंडर का आदेश

जबलपुर में छात्रा से रेप के आरोपी ABVP के पूर्व महानगर मंत्री शुभांग गोटिया की जमानत सुप्रीम कोर्ट ने निरस्त कर दी है, शीर्ष न्यायालय ने गोटिया को हफ्तेभर में सरेंडर करने का आदेश दिया है

Updated: May 06, 2022, 07:28 AM IST

जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर में छात्रा से रेप के आरोपी ABVP के पूर्व महानगर मंत्री शुभांग गोटिया की जमानत सुप्रीम कोर्ट ने निरस्त कर दी है। चीफ जस्टिस एनवी रमन्ना, जस्टिस कृष्ण मुरारी और जस्टिस हिमा कोहली की बेंच ने गोटिया को हफ्तेभर में सरेंडर करने का आदेश दिया है। दरअसल, हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद गोटिया समर्थकों ने शहर भर में "भैया इज बैक" का पोस्टर लगवाया था। इसी बात पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जाहिर करते हुए आरोपी को जेल भेजने का निर्देश दिया है।

मामले सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट की सुप्रीम कोर्ट  ने पिछले महीने आरोपी नोटिस जारी कर पूछा कि क्यों ना आपकी जमानत निरस्त कर दी जाए। कोर्ट ने मध्य प्रदेश सरकार को भी नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। इस बार सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आरोपी और उसके समर्थकों ने जिस तरह से पोस्टर लगवाए हैं, वह उसके प्रभाव को उजागर करते हैं। समाज में इसका पीड़िता और उसके परिवार पर गलत प्रभाव पड़ेगा।

यह भी पढ़ें: PM मोदी झूठ बोलते हैं, विज्ञान झूठ नहीं बोलता, 47 लाख लोगों की मौत के आंकड़े पर बरसे राहुल गांधी

शीर्ष अदालत ने कहा कि आरोपी के इस निर्लज्ज आचरण ने पीड़िता के मन में भय पैदा कर दिया है और आरोपी अगर जमानत पर रहता है तो इससे मामले की निष्पक्ष जांच और स्वतंत्र ट्रायल पर असर पड़ेगा। आरोपी गवाहों को प्रभावित कर सकता है. इसलिए आरोपी जमानत का हकदार नहीं है। जिसके बाद कोर्ट ने आरोपी शुभांग की जमानत निरस्त कर एक हफ्ते में सरेंडर करने के निर्देश दिए हैं।

दरअसल, ABVP नेता रहे शुभांग गोटिया पर एक लड़की को शादी का झांसा देकर उसके साथ रेप करने का आरोप है। लड़की के गर्भवती होने के बाद शुभांग और उसके परिवार ने लड़की का गर्भपात करवाया और फिर किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी दी थी।

यह भी पढ़ें: दंतेवाड़ा में पुलिस-नक्सलियों के बीच बड़ी मुठभेड़, DRG जवानों ने कई बड़े नक्सल नेताओं को घेरा, गोलीबारी जारी

जिसके बाद बीते साल सितंबर में पुलिस ने आरोपी शुभांग को गिरफ्तार किया था। नवंबर 2021 में आरोपी को हाईकोर्ट से जमानत मिल गई थी। आरोपी ने जमानत मिलने के बाद शहर के कई इलाकों में भैया जी बैक हैशटैग लिखे पोस्टर लगवाए। जिस पर पीड़िता ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर आरोपी की जमानत खारिज करने की अपील की थी।