BJP मंडल अध्यक्ष की गुंडागर्दी, भाभी हार गईं चुनाव तो अधिकारियों और पुलिसकर्मियों को पीटा, FIR दर्ज

बीजेपी नेता ने इंस्पेक्टर की फाड़ी वर्दी, पीठासीन अधिकारी को बेरहमी से पीटा, पेटी से मतपत्र निकालकर फाड़ लिए, मामले को दबाने में जुटे रहे पार्टी के बड़े नेता

Updated: Jul 02, 2022, 11:12 AM IST

नर्मदापुरम। मध्य प्रदेश में हो रहे पंचायत चुनाव में हिंसक गतिविधियों पर लगाम नहीं लग पा रहा है। शुक्रवार को दूसरे चरण के मतदान के बाद बीजेपी के एक नेता ने चुनाव अधिकारियों पर ही हमला बोल दिया। वह अपने गुर्गों के साथ मिलकर पुलिसकर्मियों और चुनाव अधिकारियों के साथ जमकर मारपीट की। हैरानी की बात ये है कि बीजेपी के बड़े नेता पूरी रात इस मामले को दबाने में जुटे रहे।

मामला नर्मदापुरम जिले के सिवनी मालवा अंतर्गत बांकाबेड़ी गांव का है। बताया जा रहा है कि यहां बीजेपी के ग्रामीण मंडल अध्यक्ष वरुण पटेल रघुवंशी ने बांकाबेड़ी पंचायत में चुनाव दल पर डंडे और बेसबॉल से हमला कर दिया। उनके डेढ़ दर्जन समर्थकों ने पीठासीन अधिकारी, स्टाफ और दो पुलिसकर्मियों से भी मारपीट की। एक इंस्पेक्टर की वर्दी भी फाड़ दी। हमले में पीठासीन अधिकारी रत्नेश तिवारी, गौरव प्रजापति, इंस्पेक्टर रामप्रसाद करवेती और कॉन्स्टेबल अतुल विश्वकर्मा को चोट आई है। इंस्पेक्टर रामप्रसाद कवरेती की वर्दी भी फट गई।

दरअसल, भाजपा मंडल अध्यक्ष वरुण की भाभी जनपद पंचायत के वार्ड 19 से चुनाव लड़ीं थी। बांकाबेड़ी मतदान केंद्र से हार मिलने के बाद वह भड़क गया और रात करीब 9 बजे अपने गुर्गों के साथ वहां पहुंचा। देर रात वह पीठासीन अधिकारी पर दोबारा मतगणना करने का दबाव बनाने लगा। दल के इनकार करने पर वरुण और उसके साथियों ने जनपद पंचायत के प्रत्याशियों की पेटी को लूट लिया और मतपत्र निकालकर भी फाड़ दिए।

घटनाक्रम की सूचना मिलने के बाद कलेक्टर नीरज कुमार सिंह, एसपी डॉक्टर गुरकरन सिंह सिवनी मालवा और बांकाबेड़ी पहुंचे। रात 2 बजे बलवा सहित अन्य धाराओं में FIR दर्ज की गई। टीआई जितेंद्र सिंह यादव ने कहा वरुण रघुवंशी, शुभम रघुवंशी सहित 15 लोगों ने चुनाव दल पर डंडे और बेसबॉल से हमला किया। उन्होंने पेटी का ताला तोड़कर मतपत्र फाड़ दिए। सभी के खिलाफ धारा 147,148, 294, 506, 353, 332,186, 204, लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 135 ए 136, एससी, एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया। 

हैरानी की बात ये है कि चुनाव दल पर हमले और मतपत्र फाड़ने के मामले को सत्ताधारी दल के लोगों द्वारा दबाने का प्रयास किया जा रहा था। मीडिया सूत्रों के मुताबिक बीजेपी के कई बड़े नेता मामले को रफा दफा करने का दबाव बना रहे थे। हालांकि, बात चुनाव आयोग तक न पहुंचे इसलिए पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली।