MP में ओबीसी आरक्षण के बिना होगा पंचायत चुनाव, सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला

सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कांग्रेस बोली - आरएसएस का एजेंडा लागू करने में सफल हुई भाजपा सरकार

Updated: May 10, 2022, 06:22 AM IST

नई दिल्ली। मध्य प्रदेश में होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला सामने आया है। सर्वोच्च अदालत ने सपष्ट किया है कि अब मध्य प्रदेश के ओबीसी आरक्षण के बगैर ही पंचायत चुनाव होंगे। कोर्ट के इस फैसले पर कांग्रेस ने प्रतिक्रिया देते हुए राज्य सरकार पर आरएसएस का एजेंडा लागू करने का आरोप लगाया है।

सर्वोच्च अदालत ने चुनाव आयोग को 2 हफ्ते में अधिसूचना जारी करने के लिए कहा है। कोर्ट ने कहा कि पिछले दो साल से 23000 के करीब स्थानीय निकाय के पद खाली पड़े हैं। पांच साल में चुनाव कराना सरकार का संविधानिक दायत्व है। आरक्षण देने के ट्रिपल टेस्ट को पूरा करने के लिए और वक्त नहीं दिया जा सकता। 

न्यायालय ने ओबीसी आरक्षण के मामले में प्रदेश की बीजेपी सरकार द्वारा कोर्ट में पेश की गई रिपोर्ट को अधूरा बताया। राज्य सरकार द्वारा अधूरी रिपोर्ट देने के कारण मध्य प्रदेश के ओबीसी वर्ग को अब त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा। सुप्रीम कोर्ट ने इस दौरान यह भी कहा कि यह आदेश न केवल मध्य प्रदेश व महाराष्ट्र राज्य और चुनाव आयोग तक सीमित है, बल्कि शेष राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों पर भी लागू होगा।

पंचायत चुनाव को लेकर सर्वोच्च अदालत का फैसला आने का बाद विपक्षी दल कांग्रेस की बड़ी प्रतिक्रिया सामने आई है। कांग्रेस नेता अरुण यादव ने कहा कि, 'हमें इसी बात की आशंका थी, अन्य पिछड़ा वर्ग को लेकर सरकार की घोर लापरवाही के कारण, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का वह एजेंडा लागू हो गया है जिसमें आरक्षण समाप्ति की बात की गई थी। शिवराज सरकार की वजह से प्रदेश की 56 प्रतिशत आबादी को भाजपा सरकार के षणयंत्र के कारण अपने वाजिब अधिकारों से वंचित होना पड़ेगा, पिछड़ा वर्ग से ही संबध मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जी, यह सौदा और षणयंत्र भविष्य में आपके लिए घातक होगा।'