सिवनी कांड पर घिरी मध्य प्रदेश सरकार, आदिवासी नेता ने कहा- शिवराज जी कार्रवाई करें या कुर्सी छोड़ें
मध्य प्रदेश के सिवनी में बजरंग दल कार्यकर्ताओं द्वारा दो आदिवासी युवकों की बेरहमी से हत्या की घटना के बाद शिवराज सरकार की चौतरफा आलोचना हो रही है, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी इस घटना को लेकर बीजेपी को निशाने पर लिया है

सिवनी। मध्य प्रदेश के सिवनी में बजरंग दल कार्यकर्ताओं द्वारा दो आदिवासी युवकों की बेरहमी से हत्या की घटना के बाद शिवराज सरकार की चौतरफा आलोचना हो रही है। विपक्षी दल कांग्रेस ने इस मुद्दे को जोर शोर से उठाया है। युवा आदिवासी नेता विक्रांत भूरिया ने मुख्यमंत्री को कहा है कि या तो आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करो या फिर कुर्सी छोड़ो।
युवा आदिवासी नेता व यूथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष विक्रांत भूरिया ने कहा कि, 'सीवनी की इस घटना ने साबित कर दिया है कि आदिवासियों की हितैषी होने का दावा करने वाली सरकार के लिए आदिवासी समाज केवल वोट बैंक है। मुख्यमंत्री जी, कठोर कार्रवाई कीजिए वरना पद छोड़िए।'
सीवनी की इस घटना ने साबित कर दिया है कि आदिवासियों की हितैषी होने का दावा करने वाली सरकार के लिए आदिवासी समाज केवल वोट बैंक है। मुख्यमंत्री जी, कठोर कार्रवाई कीजिए वरना पद छोड़िए ।
— Dr.Vikrant Bhuria (@VikrantBhuria) May 3, 2022
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी इस घटना को लेकर बीजेपी सरकार को निशाने पर लिया है। प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया, 'सिवनी (मप्र) में बजरंग दल (आरएसएस) के लोगों ने दो आदिवासियों की पीट-पीट कर हत्या कर दी। आरएसएस-भाजपा का संविधान व दलित-आदिवासियों से नफरत का एजेंडा आदिवासियों के प्रति हिंसा को बढ़ावा दे रहा है। हमें एकजुट होकर नफरत से भरे इस एजेंडे को रोकना होगा।'
सिवनी (मप्र) में बजरंग दल (आरएसएस) के लोगों ने दो आदिवासियों की पीट-पीट कर हत्या कर दी।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) May 4, 2022
आरएसएस-भाजपा का संविधान व दलित-आदिवासियों से नफरत का एजेंडा आदिवासियों के प्रति हिंसा को बढ़ावा दे रहा है।
हमें एकजुट होकर नफरत से भरे इस एजेंडे को रोकना होगा। pic.twitter.com/62rVbXTCSt
रिपोर्ट्स के मुताबिक मामला तूल पकड़ने के बाद सिवनी पुलिस ने इस घटना से जुड़े 14 आरोपियों को हिरासत में लिया है। सभी आरोपी RSS समर्थित बजरंग दल से जुड़े हुए हैं। लोग अब ये सवाल खड़े कर रहे हैं कि यहां आरोपियों के घर क्यों नहीं तोड़े गए। सोशल मीडिया यूजर्स का कहना है कि आरोपी बजरंग दल से थे इसलिए सिवनी प्रशासन को एक भी अवैध ईंट नहीं मिला। जबकि खरगोन में 24 घंटों के भीतर 49 संपत्ति तोड़े गए।
Hear this...
— काश/if Kakvi (@KashifKakvi) May 4, 2022
MP Police caught 14 alleged #BajrangDal men accused of lynching 2-tribal in #Seoni Dist on May 2.
When tribal outfits pressed to raze their properties, Seoni admin failed to find a single illegal brick.
But in Khargone, admin razed 49 properties within 24 hrs. pic.twitter.com/rBmfFQGm3H
बता दें कि प्रदेश में आदिवासी वर्ग के साथ दमन व उत्पीड़न की घटनाएँ बढ़ती ही जा रही है। एनसीआरबी के आँकड़े बताते हैं की मध्य प्रदेश आदिवासी वर्ग के उत्पीड़न की घटनाओं में देश में नंबर वन है। इसके पूर्व नेमावर, खरगोन और खंडवा की भी जघन्य घटनाएँ सामने आ चुकी है। इन सभी मामलों में आरोपियों के सत्ताधारी दल से कनेक्शन भी सामने आते रहे हैं। इस बार सिवनी में भी दो आदिवासियों की हत्या करने वालों को बीजेपी नेताओं का करीबी बताया जा रहा है। आदिवासी उत्पीड़न की घटनाओं को लेकर राज्य सरकार की चुप्पी गंभीर सवाल खड़े करती है।
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पीसीसी चीफ कमलनाथ ने आरोप लगाया है कि आरोपियों को बचाने की कोशिशें हो रही है। उन्होंने मामले की सीबीआई जांच की मांग की है। उन्होंने एक ट्वीट थ्रेड में लिखा, 'शिवराज जी, आपकी सरकार आगामी चुनावों को देखते हुए, पिछले कुछ समय से जनजातीय वर्ग को लुभाने के लिये, इनके महापुरुषों के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च कर, भव्य आयोजन-इवेंट कर, ख़ुद को इस वर्ग का सच्चा हितैषी बनाने में लगी हुई है लेकिन बेहतर हो कि इन आयोजनों की बजाय आप आज जनजातीय वर्ग को पर्याप्त सम्मान व सुरक्षा प्रदान करें।'
आयोजनो की बजाय आप आज जनजातीय वर्ग को पर्याप्त सम्मान व सुरक्षा प्रदान करे।
— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) May 4, 2022
आपकी सरकार में यह वर्ग आज सबसे ज़्यादा असुरक्षित है , इनके साथ प्रदेश में दमन व उत्पीड़न की घटनाएँ रोज़ घट रही है।
उन्होंने आगे लिखा कि, 'आपकी सरकार में यह वर्ग आज सबसे ज़्यादा असुरक्षित है, इनके साथ प्रदेश में दमन व उत्पीड़न की घटनाएँ रोज़ घट रही है। आदिवासी वर्ग आज दिखावे के आयोजन की बजाय , खुद की सुरक्षा की गुहार लगा रहा है। सिवनी की घटना के कुछ आरोपियों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है , ऐसी शिकायतें हमें निरंतर मिल रही है।
इन आरोपियों पर आख़िर आपका बुलडोज़र कब चलेगा..? मैं सरकार से माँग करता हूँ कि इसके दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही हो, पीड़ित परिवारों के साथ न्याय हो, उन्हें पूर्ण सुरक्षा मिले, उनकी हर संभव मदद हो, इस घटना की सीबीआई जाँच हो।'
मैं सरकार से माँग करता हूँ कि इसके दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही हो, पीड़ित परिवारों के साथ न्याय हो, उन्हें पूर्ण सुरक्षा मिले, उनकी हर संभव मदद हो, इस घटना की सीबीआई जाँच हो।
— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) May 4, 2022
बता दें कि चुनाव के मद्देनजर शिवराज सरकार और बीजेपी आदिवासी वोटबैंक को लुभाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। बिरसा मुंडा जयंती पर आदिवासी गौरव दिवस से लेकर टंट्या भील बलिदान दिवस तक के समरोह कराने में सरकार ने करोड़ों रुपए पानी की तरह बहाए। हालांकि, इन समारोहों से आदिवासियों के जीवन में कोई तब्दीली नहीं आती क्योंकि जो पैसे आदिवासियों के कल्याण में खर्च होने थे उन पैसों को बड़े-बड़े सरकारी समारोहों और प्रचार प्रसार में खर्च कर दिए जाते हैं।
सीएम शिवराज आदिवासियों के साथ कभी नृत्य करते दिखते हैं तो कभी उनके पारंपरिक वेशभूषा पहनकर फोटो खिंचवाते दिखते हैं। आदिवासियों के कल्याण के बड़े बड़े दावे किए जाते है। मगर असली आदिवासी समाज कहीं बजरंग दल तो कहीं आरएसएस के मारपीट और ज़्यादती का शिकार हो रहा है तो कहीं सरकारी उपेक्षा का शिकार। कई वर्षों से सरकार ने एसटी छात्रों को मिलने वाला वज़ीफ़ा रोक रखा है। हाल ही में जबलपुर में आदिवासी छात्रों का एक जर्जर हॉस्टल गिर गया लेकिन प्रशासन ने फंड की कमी का हवाला देते हुए जर्जर भवन का मरम्मत तक नहीं कराया।
आप भाजपा की क्रोनोलॉजी समझिए :
— Dr.Vikrant Bhuria (@VikrantBhuria) May 4, 2022
आश्वासन, प्रलोभन और फिर शोषण.
शिवराज सिंह जी, गरीब, दलित और आदिवासी को कब तक सिर्फ वोट बैंक की तरह इस्तेमाल करेंगे आप ?#सिवनी_मध्यप्रदेश_हत्याकांड
आदिवासी नेता विक्रांत भूरिया ने इसे बीजेपी का क्रोनोलॉजी करार दिया है। उन्होंने लिखा, 'आप भाजपा की क्रोनोलॉजी समझिए: आश्वासन, प्रलोभन और फिर शोषण. शिवराज सिंह जी, गरीब, दलित और आदिवासी को कब तक सिर्फ वोट बैंक की तरह इस्तेमाल करेंगे आप?'