MP में आदिवासी छात्रों की छात्रवृत्ति रुकी, केंद्र के पास 3.47 लाख छात्रों के 75 करोड़ रुपए फंसे

अधिकारियों की लापरवाही के कारण केंद्र सरकार से नहीं मिले पैसे, राज्य सरकार ने झाड़ा पल्ला, कांग्रेस बोली- शिवराज सरकार आदिवासी छात्रों के साथ छल कर रही है

Updated: Sep 29, 2021, 04:31 AM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश में आदिवासी छात्रों की छात्रवृत्ति रुक गई है। बताया जा रहा है की करीब 3 लाख 47 हजार छात्रों के पैसे केंद्र सरकार के पास अटकी हुई है। यह स्थिति जनजातीय कार्य विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के कारण उत्पन्न हुई है। हालांकि, शिवराज सरकार ने इससे पल्ला झाड़ते हुए कहा है कि राज्य शासन ने अपने हिस्से के पैसे जारी कर दिए गए हैं। 

मध्य प्रदेश कांग्रेस ने इसे सीएम शिवराज का आदिवासी छात्रों से छल करार दिया है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि सीएम शिवराज ने आदिवासी छात्रों की समस्याओं से निगाहें फेर ली है। कांग्रेस ने सीएम से पूछा की आदिवासियों से इतनी नफरत क्यों है? 

दरअसल, मध्य प्रदेश में 9वीं और 10वीं कक्षा में करीब 3 लाख 47 हजार आदिवासी छात्र-छात्राएं हैं।  प्रति छात्र के हिसाब से लड़को को 400 रुपए और लड़कियों को 600 रुपए छात्रवृत्ति दी जाती है। लेकिन इस साल छात्रवृत्ति के करीब 75 करोड़ करोड़ रुपए केंद्र सरकार की ओर से जारी नहीं हुई है। 

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बताया जा रहा है कि जनजातीय कार्य विभाग ने छात्रवृत्ति के पैसों के लिए केंद्र को प्रस्ताव ही नहीं भेजा है। अधिकारियों के इस लापरवाही का नतीजा अब प्रदेश के आदिवासी छात्रों को भुगतना पड़ रहा है। राज्य सरकार में जनजाति कल्याण मंत्री मीना सिंह ने इस मुद्दे से पल्ला झाड़ते हुए कहा है कि राज्य सरकार ने अपने हिस्से के पैसे दे दिए हैं। 

मामले पर पूर्व मंत्री व आदिवासी नेता ओमकार सिंह मरकाम ने कहा है कि मेरे पास छात्रों के अभिभावक लगातार शिकायत लेकर आ रहे हैं। मरकाम के मुताबिक 11वीं और 12वीं के बच्चों के लिए भी केंद्र से 260 करोड़ रुपए आने थे। लेकिन इसके एवज में महज 197.24 करोड़ रुपए मिले हैं। पूर्व मंत्री ने बताया कि उन्होंने जनजाति कल्याण मंत्री से इस संबंध में बात की है, लेकिन कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिल पाया।