महाराजा कॉलेज का यूनिवर्सिटी में विलय के विरोध में उतरी कांग्रेस, छतरपुर में बड़े आंदोलन की चेतावनी

छतरपुर के महाराजा कॉलेज का महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी में विलय किए जाने का विरोध कर रही है कांग्रेस, छतरपुर के कांग्रेस विधायक आलोक चतुर्वेदी, राजनगर के विधायक विक्रम सिंह नातीराजा और महाराजपुर विधायक नीरज दीक्षित ने बड़े आंदोलन की दी चेतावनी

Publish: Sep 29, 2021, 04:26 AM IST

Photo Courtesy: Patrika
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छतरपुर। महाराजा कॉलेज का यूनिवर्सिटी में विलय किए जाने का फैसला का कड़ा विरोध हो रहा है। इस फैसले के खिलाफ कांग्रेस मैदान में उतर गई है। मंगलवार को कांग्रेस के तीन विधायकों ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें उन्होंने क्षेत्र में बड़ा आंदोलन खड़ा करने की चेतावनी दी। इसके साथ ही उन्होंने राजधानी भोपाल पहुंच कर धरना देने का अभी एलान किया। 

मंगलवार को छतरपुर विधायक आलोक चतुर्वेदी, राजनगर विधायक विक्रम सिंह नातीराजा और महाराजपुर विधायक नीरज दीक्षित के साथ साथ कांग्रेस के जिला अध्यक्ष लखनलाल पटेल और कार्यकारी जिला अध्यक्ष अदित सिंह की मौजूदगी में प्रेस वार्ता हुई। सभी नेता सागर रोड पर स्थित एक होटल में एकत्रित हुए थे। 

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने कहा कि महाराजा कॉलेज का महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी में विलय किया जाना ज़िले और इसके आसपास के लोगों ने सम्मान पर आघात है। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि 23 एकड़ की विशाल भूमि में फैले इस महाविद्यालय को विश्वविद्यालय में विलय करने का फैसला किया गया है ताकि अलग से विश्वविद्यालय बनाने की जहमत न उठानी पड़े। 

कांग्रेस नेताओं ने कहा कि महाविद्यालय का 130 वर्षों का गौरवपूर्ण इतिहास रहा है। ज़िले और आसपास के कई विद्यार्थियों के जीवन का केंद्र रहा है। मौजूदा वक्त में करीब दस हजार से बच्चे इस महाविद्यालय में पढ़ाई कर रहे हैं। यूजीसी से इसे सहायता प्राप्त है। नेक ग्रेडिंग में भी महाविद्यालय को बी ग्रेड मिला हुआ है। लेकिन अब इसकी सुविधाओं का इस्तेमाल विश्वविद्यालय में तब्दील करने के लिए किया जा रहा है।

कांग्रेस नेताओं ने बताया कि इस विश्वविद्यालय के लिए कांग्रेस विधायक विक्रम सिंह नातीराजा के पूर्वजों ने अपनी जमीन दान में दी थी। जिसका उद्देश्य यही था कि क्षेत्र के विद्यार्थियों को सुलभ और कम दरों में शिक्षा उपलब्ध हो पाए। लेकिन विश्वविद्यालय में विलय करने से यह सुविधा भी समाप्त हो जाएगी। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि 2011-12 में छतरपुर में यूनिवर्सिटी बनाने का एलान किया गया था। लेकिन यूनिवर्सिटी स्थापित करने के बनिस्बत कॉलेज की बिल्डिंग के दो कमरों में यूनिवर्सिटी का संचालन किया जा रहा था। और अब पूरी बिल्डिंग को ही कब्जे में ले लिया गया है। 

कांग्रेस नेताओं ने कहा कि अगर जल्द ही इस फैसले को वापस नहीं लिया गया, तो वे क्षेत्र में बड़ा जनांदोलन खड़ा करेंगे। तीनों विधायक बड़ी तादाद में लोगों को इस अन्यायपूर्ण फैसले के खिलाफ एकत्रित करेंगे। क्योंकि यह पूरे जिले के लोगों की अस्मिता का सवाल है। इसके साथ ही कांग्रेस नेताओं ने अक्टूबर महीने की शुरुआत में भोपाल पहुंच कर राज्यपाल को ज्ञापन सौंपने की योजना बनाई है। इसके साथ ही राजभवन के बाहर धरना देने पर भी कांग्रेस नेता विचार कर रहे हैं।