राजनीति में नहीं आएंगे महाआर्यमन, बेटे को लेकर ज्योतिरादित्य सिंधिया का बड़ा बयान

ग्वालियर पहुंचे सिंधिया से जब मीडिया ने परिवार वाद को लेकर सवाल किया तो उन्होंने कहा कि हमने ये नियम पिछले 40 साल से अपनाया हुआ है, यूथ कांग्रेस ने GDCA में हुई नियुक्ति पर उठाए सवाल

Updated: Jun 09, 2022, 01:39 PM IST

ग्वालियर। केंद्रीय उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने पुत्र महाआर्यमन के सियासी करियर को लेकर बड़ा बयान दिया है। ग्वालियर पहुंचे सिंधिया ने कहा कि महाआर्यमन फिलहाल राजनीति में नहीं आएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि सिंधिया परिवार का ये नियम है कि एक ही व्यक्ति राजनीति में रहता है। सिंधिया के इस बयान पर यूथ कांग्रेस ने GDCA में माहार्यमन की हुई नियुक्ति पर सवाल उठाया है।

दरअसल, निकाय चुनाव के मद्देनजर सिंधिया ग्वालियर पहुंचे हुए हैं। यहां संवाददाताओं ने उनसे एक परिवार एक टिकट के फैसले पर सवाल किया तो उन्होंने कहा, 'मेरे परिवार ने ये नियम पिछले 40 साल से अपनाया हुआ है। एक समय में सिंधिया परिवार का एक व्यक्ति ही राजनीति में रहता है। एक परिवार से एक टिकट बेहद महत्वपूर्ण कदम है। सभी को मौके मिलने चाहिए।' सिंधिया के इस बयान से स्पष्ट हो गया है कि उनके रहते फिलहाल महाआर्यमान का सियासी डेब्यू नहीं होगी।

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इधर यूथ कांग्रेस ने सिंधिया के इस बयान को हास्यास्पद करार दिया है। एमपी युवा कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष विवेक त्रिपाठी ने कहा कि, 'सिंधिया ये बताएं कि उनके पुत्र को ग्वालियर डिविजन क्रिकेट एसोसिएशन (GDCA) का उपाध्यक्ष कैसे बनाया गया। उनमें कोई विशेष काबिलियत, कोई योग्यता हो तो बताएं। कोई टेस्ट हुआ था क्या? चयन प्रक्रिया बताएं? लड़के को GDCA उपाध्यक्ष बना दिया और मीडिया के सामने वंशवाद पर ज्ञान दे रहे हैं। ग्वालियर क्षेत्र में महाआर्यमान से ज्यादा योग्य कोई और नहीं था क्या? महाआर्यमन GDCA में नौकरी नहीं कर रहे हैं, बल्की राजनीतिक पोस्ट पर उनकी नियुक्ति हुई है। यशोधरा और वसुंधरा दोनों बुआ को अलग भी रखें, तब भी आपके परिवार के दो लोग राजनीतिक पदों पर हैं।'

दरअसल, इसी साल मार्च में GDCA के संरक्षक सिंधिया ने अपने बेटे महा आर्यमन को संघ का उपाध्यक्ष नियुक्त किया है। महाआर्यमन का किसी भी संस्था या संगठन में यह पहला पद है। इस पद के साथ ही उनके सार्वजनिक जीवन की शुरुआत हो गई है। नियुक्ति के बाद कयास लगाए जा रहे हैं जल्द ही वह राजनीति में भी एंट्री कर सकते हैं। जयविलास पैलेस से जुड़े सूत्र बताते हैं कि सिंधिया अपने बेटे को अपनी पारंपरिक सीट गुना संसदीय क्षेत्र से लोकसभा चुनाव लड़ाना चाहते है। सिंधिया स्वयं राज्यसभा सांसद हैं और लोकसभा चुनाव के दो साल बाद तक उनका कार्यकाल रहेगा। ऐसे में लोकसभा चुनाव के दौरान सिंधिया ये तर्क दे सकते हैं कि इस बार चुनाव में उनके घर से एक ही उम्मीदवार है।

बता दें कि आर्यमन सिंधिया के दादा स्वर्गीय माधवराव सिंधिया और पिता केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी सार्वजनिक जीवन की शुरुआत क्रिकेट एसोसिएशन से ही की थी। दादा और पिता के नक्शेकदम पर चलते हुए ही महार्यमन ने भी क्रिकेट संघ का कमान संभाली है।