मल्लिकार्जुन खड़गे का सागर दौरा कल, तैयारियों का जायजा लेने पहुंचे पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे कल सागर में विशाल जनसभा को संबोधित करेंगे, इस कार्यक्रम में एक लाख लोगों के शामिल होने की संभावना है।

Updated: Aug 21, 2023, 03:24 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव का काउंटडाउन शुरू हो चुका है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे कल यानी मंगलवार को सागर आने वाले हैं। वे यहां विशाल जनसभा को संबोधित करेंगे। इस जनसभा में एक लाख लोगों के शामिल होने की संभावना है। कांग्रेस अध्यक्ष के दौरे को लेकर तैयारियों का जायजा लेने पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह सोमवार को सागर पहुंचे हैं।

मल्लिकार्जुन खड़गे के दौरे को लेकर प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष और संगठन प्रभारी राजीव सिंह ने बताया कि कांग्रेस अध्यक्ष मंगलवार 22 अगस्त को सुबह 10.45 बजे विमान से भोपाल पहुंचेंगे। वे पीसीसी चीफ कमलनाथ के साथ 11 बजे भोपाल से हेलीकाप्टर द्वारा सागर के लिए प्रस्थान करेंगे 11.45 बजे सागर पहुंचेगे। वे सड़क मार्ग से दोपहर 12 बजे सागर के कजलीवन मैदान पहुंचेंगे, जहां एक विशाल जनसभा को संबोधित करेंगे। वहीं, दोपहर 1.30 बजे सागर से हेलीकाप्टर द्वारा रवाना होंगे और दोपहर 02.15 बजे भोपाल पहुंच जायेंगे। यहां से वे दिल्ली के लिए रवाना होंगे।

विधानसभा चुनाव के लिहाज से खड़गे का सागर दौरा बेहद अहम माना जा रहा है। बुंदेलखंड क्षेत्र की बात करें तो यहां 22% एससी वाेटर हैं। इन्हें साधकर कांग्रेस 2023 के चुनाव में बड़ी बढ़त ले सकती है। सागर जिले की सीमाएं सात जिलों से लगती हैं। इनमें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित 10 सीटें हैं। इनमें से नौ सीटें अभी बीजेपी के पास हैं। वहीं कांग्रेस के पास एक सीट है। इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए ये 10 सीटें काफी महत्वपूर्ण हैं। इसे देखते हुए ही खड़गे का कार्यक्रम तय किया गया है। खास बात ये है कि खड़गे से पहले 12 अगस्त काे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी सागर पहुंचे थे। उन्होंने यहां संत रविदास मंदिर का भूमिपूजन किया था। 

बता दें कि मध्य प्रदेश में 16.5% एससी वाेटर हैं जो किसी भी राजनीति दल का खेल बनाने और बिगाड़ने की ताकत रखते हैं। 230 विधानसभा सीटों में से 35 इस वर्ग के लिए आरक्षित है। वहीं, 22 फीसदी आदिवासी मतदाता हैं और 47 सीट आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित हैं। साल 2018 के विधानसभा चुनाव में दलित और आदिवासियों के लिए आरक्षित सीटों पर बीजेपी बेहतर प्रदर्शन नहीं कर सकी थी, जबकि कांग्रेस ने जबरदस्त तरीके से इन सीटों पर जीत दर्ज की थी। बीजेपी अपने खिसके हुए राजनीतिक जनाधार को दोबारा जोड़ने के लिए तरह तरह के हथकंडे अपना रही है। ऐसे में अब कांग्रेस ने भी आक्रामक रुख अख्तियार कर लिया है।