मंदसौर: IIT पासआउट तीन दोस्तों का कमाल, ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर के लिए इकट्ठा किए 47 लाख

आइआइटी दिल्ली में पढ़े तीन दोस्तों ने मंदसौर में 50 ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर के लिए ऑनलाइन क्राउडफंडिंग का लिया सहारा, तीन ही दिन में इकट्ठा हो गए 47 लाख, पूर्व सीएम ने इस तिकड़ी को दिया फुल मार्क्स

Updated: May 06, 2021, 07:30 PM IST

Photo Courtesy: Business Insider
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मंदसौर। "कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर ने भारत को पूरी तरह से तबाह कर दिया है। अस्पताल और मेडिकल स्टाफ काफी दबाव में हैं। देश की राजधानी दिल्ली समेत अन्य बड़े शहर ऑक्सीजन के अभूतपूर्व संकट से जूझ रहे हैं। कल्पना करो कि राज्यों के ग्रामीण इलाकों का हाल क्या होगा?" वॉट्सऐप पर आईआईटी दिल्ली से ग्रेजुएट तीन दोस्त आपस में बातें कर रहे थे तभी अचानक उपजे एक आइडिया ने मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले के लिए 50 ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर का प्रबंध कर दिया।

कहते हैं न कि नेक इरादे और कुछ करने का जज्बा हो तो परिस्थितियां आड़े नहीं आती। ऐसा ही कर दिखाया आईआईटी दिल्ली से पासआउट इस तिकड़ी ने। तीन दोस्तों में एक ऋषभ गुप्ता आईएएस ऑफिसर हैं और दो दोस्त अमेरिका में जॉब करते हैं। मध्यप्रदेश के सुदूर जिले मंदसौर के एडिशनल कलेक्टर ऋषभ गुप्ता ने अपने दो दोस्तों के साथ मिलकर जिले में 50 ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर लगवाने के लिए 47 लाख 50 हजार रुपए इकट्ठा किया है।

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ऋषभ के दो दोस्तों में एक शशांक यदुवंशी मशहूर अमेरिकी टेक कारोबारी जैक डॉर्स के साथ बतौर एंड्राइड इंजीनियर काम करते हैं। दूसरे दोस्त कुणाल महाजन ऑनलाइन पेमेंट कंपनी स्ट्राइप के बिजनेस डेवलपर हैं। इन तीनों ने महज-तीन से चार दिनों में 50 ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर खरीदने के लिए तय टारगेट से ज्यादा इकट्ठा कर लिया। अच्छी खबर ये है कि इस पैसे से 35 ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर के आर्डर पहले ही दिए जा चुके हैं, जो अगले हफ्ते जिले में आ जाएगी। वहीं बाकी के 15 का आर्डर भी बाद में दे दिया गया है।

ऋषभ गुप्ता ने बताया कि वे अपने दोनों दोस्तों को बता रहे थे की, 'मंदसौर में जिले के हिसाब से पर्याप्त ऑक्सीजन का सप्लाई है। इसके बावजूद कई तरह के परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में बेहतर उपाय ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर इंस्टॉल करना ही है।' शुरुआत में उनके दोस्तों ने उन्हें अपनी कमाई से कुछ डोनेशन करने का प्रस्ताव दिया, लेकिन पूरे जिले के लिए वे तीन मिलकर पर्याप्त राशि दान नहीं कर सकते थे। ऐसे में उन्होंने क्राउड फंडिंग पर विचार करना शुरू किया।

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ऋषभ ने बताया कि मंदसौर जिला अस्पताल में 300 बेड्स हैं, जिनमें 96 ऑक्सीजन बेड हैं। उन्होंने कहा, 'हमारा आइडिया 10 समानांतर ऑक्सीजन बेड युक्त अस्पताल तैयार करने का था, ताकि जिला अस्पताल का दबाव कम किया जा सके। दस अस्पतालों के लिए 50 ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर की जरूरत थी। हमने इसके लिए ऑनलाइन फंड रेजिंग वेबसाइट मिलाप और कंसेंट्रेटर सप्लायर्स से बात की।' और इस तरह शुरू हुआ मंदसौर वासियों को सांस देने की मुहिम।

एडिशनल कलेक्टर ने बताया कि मिलाप पर क्राउडफंडिंग कैंपेन लॉन्च होने वाले दिन ही उन्हें अभूतपूर्व रेस्पॉन्स मिला। उन्होंने कहा, 'हमें आईआईटी समुदाय से काफी सहयोग मिला। सोशल मीडिया के माध्यम से हमारे कैंपेन की जानकारी सभी साथियों तक पहुंची और उन्होंने बढ़चढ़कर सहयोग किया। हमने यह भी देखा कि मंदसौर के लोग जो विदेशों में काम कर रहे हैं उन्होंने भी इस मुहिम में अभूतपूर्व योगदान दिया।'

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आखिरकार सभी के सहयोग से तीन-चार दिनों के भीतर ही 50 कंसेंट्रेटर के लिए पर्याप्त पैसे इकट्ठा हो गए। मंदसौर एडिशनल कलेक्टर और उनके दोनों दोस्तों के इस नेक पहल की जमकर तारीफ हो रही है। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने युवाओं के इस पहल को फुल मार्क्स दिया है। दिग्गज कांग्रेस नेता ने युवाओं की तारीफ करते हुए सरकार पर भी तंज कसा है। सिंह ने ट्वीट किया, 'जब बीजेपी-मोदी-शाह-शिवराज ने हमें आत्मनिर्भर बनाने का संकल्प ले ही लिया है तो जनता को ही आगे आना पड़ेगा। और जनता ही कोरोना से लड़ेगी।'