ठेका दिलाने के लिए मंत्री कमल पटेल ने लिए थे दो करोड़ रुपए, फर्म संचालक का सनसनीखेज आरोप

गाजियाबाद के एक कारोबारी ने बताया कि कृषि मंत्री पटेल ने करीब 20 करोड़ रूपए की लागत से प्रदेश की मंडियों में होने वाले प्रचार प्रसार के काम के सिलसिले होर्डिंग लगाने का ठेका दिलाने का आश्वासन दिया था।

Updated: Sep 15, 2023, 06:35 PM IST

भोपाल। विधानसभा चुनाव से पहले मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार भ्रष्टाचार के आरोपों से चौतरफा घिरी हुई है। एक के बाद एक कई ठेकेदार शिवराज सरकार पर कमीशनखोरी के आरोप लगा रहे हैं। इसी बीच एक फर्म संचालक का पत्र वायरल हो रहा है, जिसमें उसने कृषि मंत्री कमल पटेल पर ठेका के लिए दो करोड़ रुपए कमीशन लेने के आरोप लगाए हैं।

गाजियाबाद दिवासी अजय जैन दिल्ली में प्रचार प्रसार की फर्म का संचालन करते हैं। उन्होंने सीएम शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर कमीशनखोरी की शिकायत की है। सीएम को संबोधित पत्र में जैन ने लिखा, 'करीब दो साल पहले मेरा संपर्क कृषि मंत्री कमल पटेल के बंगले पर उनके सहायक राजेश पटेल से हुआ था। उनके बंगले पर मै मंडी बोर्ड से करीब 20 करोड़ रूपए की लागत से प्रदेश की मंडियों में होने वाले प्रचार प्रसार के काम के सिलसिले में गया। प्रदेश की मंडियों में सरकारी होर्डिंग लगने थे। राजेश के जरिए मेरा संपर्क वकील आयुष वाजपेयी से हुआ। मुझसे इस काम को देने के बदले दो करोड़ की राशि बतौर एडवांस मांगी गई। यह राशि मैंने आधुष वाजपेयी को उनके घर ले जाकर दी।' 

जैन ने पत्र में आगे लिखा, 'दो करोड़ रुपए देने के बाद मेरी मुलाकात दो से तीन बार कृषि मंत्री कमल पटेल से कराई गई। उन्होंने भी मुझे आश्वस्त किया कि जल्द मुझे कार्य आदेश दे दिया जाएगा लेकिन जब दो साल तक आदेश नहीं दिया गया तो मैने एडवांस राशि वापस माँगना शुरू कर दी। लेकिन यह लोग हर बार किसी न किसी बताकर टाल देते थे। विभाग में पदस्थ एक आईएएस अधिकारी ने भी मुझे बताया कि इनसे राशि वापस ले लो यह लोग रुपये लेकर भी काम नहीं करते हैं।'

अजय जैन पत्र में आगे लिखते हैं, 'हमने अपने परिचित भोपाल के वरिष्ठ पत्रकार रवीन्द्र जैन को यह बात बताई। वे अगले दिन कमल पटेल के बंगले पर गए और मेरी परेशानी उन्हें बताई। जिसके अगले दिन मुझे 50 लाख रुपये मंत्री के बंगले से ले आने के लिए कॉल आया। मैंने संतोष ब्रह्मभट्ट नामक बंगले के कर्मचारी से पचास लाख रुपये ले लिए। इसके बाद थोड़े थोड़े करके एक करोड़ 55 लाख वापस कर दिए। अब 45 लाख रुपये वापस करने में फिर आनाकानी कर रहे हैं।' 

पीड़ित कारोबारी ने सीएम चौहान से गुहार लगाते हुए कहा कि कृप्या मुझे शेष राशि वापस दिलाने का कष्ट करें। अन्यथा मैं कोई गलत कदम उठाने को मजबूर हो जाऊंगा जिसके जिम्मेदार कृषि मंत्री कमल पटेल और उनके सहयोगी होंगे। जैन ने दावा किया की उनके पास उनके सहयोगियों के साथ मोबाइल पर हुई बात और कॉल की रिकॉर्डिंग सबूत के तौर पर मौजूद है। मामला सामने आने के बाद विपक्षी दल कांग्रेस ने कहा कि, '50% कमीशन सरकार का नया कारनामा, मंत्री ने 2 करोड़ की रिश्वत भी ले ली, और काम भी नहीं कराया। शिवराज जी, ये भ्रष्टाचार नहीं डाका है, और आपके मंत्री डाकू हैं। जनता है बेबस और लाचार, 50% कमीशन माँगे सरकार।'