मध्य प्रदेश में विधानसभा के शीतकालीन सत्र पर असमंजस बरकरार

विधानसभा के शीतकालीन सत्र पर फ़ैसला होना बाक़ी है, लेकिन 21 दिसंबर से 4 दिन का सत्र बुलाए जाने की अटकलें लगाई जा रही हैं

Updated: Nov 19, 2020, 04:21 PM IST

Photo Courtesy: India Today
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भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा में शीतकालीन सत्र को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। कोरोना महामारी के मद्देनज़र सत्र के आयोजन के बारे में अब तक कोई फैसला नहीं हो सका है। विधानसभा का पिछला सत्र भी कोरोना के कारण एक दिन में ही समाप्त हो गया था। जबकि इससे पहले एक सत्र कोरोना के कारण रद्द भी किया जा चुका है। 

विधानसभा के सत्र और तारीख के बारे में अंतिम फैसला मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को करना है। सूत्रों के अनुसार 21 से 24 दिसंबर तक 4 दिन के लिए शीतकालीन सत्र बुलाया जा सकता है। हालांकि इस बारे में औपचारिक रूप से अब तक कुछ भी तय नहीं हुआ है। 

विधानसभा सत्र के बारे में जारी इस अनिश्चय के बीच ही संसदीय कार्य विभाग ने अपनी तरफ से सत्र बुलाने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। विभाग ने सत्र के आयोजन को लेकर विभागीय मंत्री को फाइल भेज दी है। सत्र कब होना है, कितने दिन का होना है या अभी नहीं होना है, यह तय करने के लिए ही फाइल भेजी गई है। फाइल में कहा गया है कि आगामी सत्र में नए चुने गए विधायकों को शपथ दिलाने है और अध्यक्ष-उपाध्यक्ष के  चुनाव जैसे ज़रूर काम किए जाने हैं। 

फिलहाल रामेश्वर शर्मा विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर हैं। वे सबसे लंबे समय तक प्रोटेम स्पीकर के पद पर रहने वाले नेता हैं। जगदीश देवड़ा ने मंत्री बनने पर प्रोटेम स्पीकर पद से इस्तीफा दिया था, उसके बाद 2 जुलाई से शर्मा यह पद संभाल रहे हैं।