MP Farm Loan Waiver: कमल नाथ सरकार में हुई किसानों की कर्जमाफी को ले कर झूठ और सच में फंसी शिवराज सरकार

MP Farm Loan Waiver: कांग्रेस ने जनता से झूठ बोलने पर माफी की मांग की तो बीजेपी सरकार का यू टर्न, विधानसभा में कर्जमाफ़ी पर जानकारी देने की होगी जांच

Updated: Sep 23, 2020, 11:39 PM IST

भोपाल। किसान कर्जमाफी पर बीजेपी सरकार ने यू टर्न ले लिया है। सोमवार को विधानसभा के एक दिन के मानसून सत्र के दौरान शिवराज सरकार के कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा था कि कमलनाथ सरकार के दौरान हुई प्रदेश में किसान कर्जमाफी हुई थी। अब बीजेपी सरकार के नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कांग्रेस सरकार में किसान कर्जमाफी होने से इनकार किया है।

 बुधवार को मध्यप्रदेश के कैबिनेट मंत्री भूपेंद्र सिंह ने बयान जारी करते हुए कहा कि कमलनाथ सरकार के दौरान कर्जमाफी नहीं हुई है।विधानसभा में अधिकारियों द्वारा दी गयी किसान कर्ज माफी की जानकारी गलत है। उन्होंने कहा कि इस बात की जांच कराएंगे कि अधिकारियों ने गलत जानकारी क्यों दी है।

 

प्रदेश सरकार ने विधानसभा में जानकारी दी थी। शिवराज सरकार ने माना था कि मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार के दौरान किसानों का कर्ज माफ किया गया था। विधानसभा सत्र के दौरान कृषि मंत्री कमल पटेल ने लिखित में जवाब देते हुए कहा कि कमलनाथ सरकार के दौरान 51 जिलों में दो चरणों में किसान कर्जमाफी की गई थी। पहले चरण की कर्जमाफी 27 दिसंबर 2019, जबकि इसके बाद दूसरे चरण की कर्जमाफी की गई थी।इस दौरान किसानों का 1 लाख रुपए तक का कर्ज माफ किया गया था। 

झूठ बोलना ही मुख्यमंत्री शिवराज का असली चेहरा: जीतू पटवारी

मंत्री का बयान पर कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष और विधायक जीतू पटवारी ने कहा है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह झूठ बोलते थे कि किसान कर्ज माफी नहीं हुई। कृषि मंत्री कमल पटेल कहते थे कि कमलनाथ पर कर्जमाफी को लेकर एफआईआर दर्ज होनी चाहिए। ज्योतिरादित्य सिंधिंया किसान कर्जमाफी का बहाना बनाते थे। अब विधानसभा सत्र के दौरान मध्यप्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने एक प्रश्न के उत्तर में खुद स्वीकार किया है कि प्रदेश में 26 लाख किसानों के 11.50 लाख करोड रूपए का कर्जा माफ किया गया। झूठ पर झूठ बोलना ही शिवराज का असली चेहरा है।

 

कांग्रेस का पलटवार, क्या कृषि मंत्री झूठे हैं?

मंत्री भूपेंद्र सिंह के बयान के बाद कांग्रेस ने सरकार पर पलटवार किया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने ट्वीट किया कि अबमंत्री भूपेन्द्र सिंह कह रहे है कि अधिकारियों ने गलत जानकारी दी है, कर्ज़ माफ़ी नहीं हुई। विधानसभा में सच्चाई स्वीकार ली, झूठ की पोल खुल गई तो अब एक और झूठ? यह तो विधानसभा की अवमानना है? क्या शिवराजजी, कृषिमंत्री सब झूठे हैं? हमें झूठों का प्रमाण-पत्र नहीं चाहिये।

और पढ़ें: MP Farm Loan Waiver: शिवराज सरकार ने माना, कमलनाथ सरकार में हुई थी किसान कर्जमाफी

सलूजा ने कहा कि मुख्यमंत्री जी, आपके वरिष्ठ मंत्री भूपेन्द्र सिंह को विधानसभा में सरकार की ओर से दिये प्रश्नों के जवाब की जानकारी नहीं है। कृपया कर उनका ज्ञान बढ़ाएं। उन्हें विधानसभा की कार्यवाही की जानकारी प्रेषित करें। वो आपका व आपके कृषि मंत्री का भी मजाक उड़ा रहे है।

 

विधानसभा में हुआ झूठ का पर्दाफ़ाश: कमल नाथ 

विधानसभा में दी गई जानकारी के बाद प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और पीसीसी चीफ कमलनाथ ने अपने एक बयान में कहा कि कांग्रेस सरकार द्वारा किसानों की ऋण माफी पर पहले दिन से ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह और कांग्रेस छोड़कर भाजपा में गए ज्योतिरादित्य सिंधिया झूठ बोलते रहे हैं। इस झूठ की राजनीति का पर्दाफाश स्वयं शिवराज सरकार ने विधानसभा में कर दिया है और स्वीकार किया कि प्रदेश में प्रथम और द्वितीय चरण में कांग्रेस की सरकार ने 51 जिलों में 26 लाख 95 हजार किसानों का 11 हजार 6 सौ करोड़ रूपये से अधिक का ऋण माफ किया है। कमल नाथ ने कहा कि प्रदेश की जनता से सफेद झूठ बोलने और गुमराह करने की घृणित राजनीति के लिए शिवराज सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया को तत्काल प्रदेश की जनता से माफी मांगना चाहिए। 

और पढ़ें: Kamal Nath: किसानों की ऋण माफी पर झूठ बोलने के लिए शिवराज चौहान और ज्योतिरादित्य सिंधिया माफी मांगे

इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा था कि ग्वालियर दौरे के दौरान मैंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को किसानों की ऋण माफी के मुद्दे पर खुली बहस करने की चुनौती दी थी । वे इस मुद्दे पर खुली बहस करते,  उसके पहले ही उनकी सरकार ने विधानसभा में स्वीकार कर लिया कि कांग्रेस सरकार ने 26 लाख 95 हजार किसानों का ऋण माफ किया था और स्वीेकृति की प्रकिया में शेष पांच लाख नब्बे हजार किसानों की संख्या को भी स्वीकार किया है , जिसकी स्वीकृति मेरी सरकार के समय की जा रही थी।