मालेगांव बम ब्लास्ट मामले में बढ़ी प्रज्ञा ठाकुर की मुश्किलें, NIA कोर्ट ने जारी किया दूसरा वारंट

16 साल पुराने मालेगांव ब्लास्ट केस की अंतिम सुनवाई के दिन बुधवार को भी प्रज्ञा गैरहाजिर रहीं। इसीलिए कोर्ट ने उनके खिलाफ वारंट इश्यू किया। 8 दिन में यह दूसरा वारंट है।

Updated: Nov 14, 2024, 09:39 AM IST

भोपाल। भोपाल की पूर्व सांसद और बीजेपी नेता प्रज्ञा सिंह ठाकुर की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। मालेगांव बम ब्लास्ट केस में ठाकुर के खिलाफ मुंबई एनआईए की स्पेशल कोर्ट ने नया वारंट जारी किया है। 16 साल पुराने इस ब्लास्ट केस की अंतिम सुनवाई के दिन बुधवार को भी प्रज्ञा गैरहाजिर रहीं। इसीलिए कोर्ट ने उनके खिलाफ वारंट इश्यू किया। 8 दिन में यह दूसरा वारंट है।

मामले की सुनवाई के दौरान विशेष न्यायाधीश एके लाहोटी ने कहा कि प्रज्ञा बुधवार को अदालत में पेश नहीं हुईं, जैसा कि पहले के आदेश (वारंट) में उन्हें निर्देश दिया गया था। इसपर प्रज्ञा के वकील ने कोर्ट को बताया कि जिस पते पर पहले जमानती वारंट जारी हुआ, वहां प्रज्ञा नहीं रह रहीं। इस वजह से वारंट उन तक नहीं पहुंच सका।

इसके बाद कोर्ट ने प्रज्ञा ठाकुर के खिलाफ नया वारंट जारी किया है। स्पेशल जज लाहोटी ने कहा कि अभियुक्त नंबर-1 (प्रज्ञा ठाकुर) के खिलाफ उनके वकील द्वारा दिए गए नए पते के अनुसार 10000 रुपए का नया जमानती वारंट जारी करें। इसे 2 दिसंबर, 2024 को वापसी योग्य बनाएं।

इसके पहले 6 नवंबर को कोर्ट ने प्रज्ञा के खिलाफ वारंट जारी कर 13 नवंबर को कोर्ट में पेश होने को कहा था। तब प्रज्ञा ने अपनी एक तस्वीर X पर शेयर करते हुए लिखा था कि वह बीमार हैं और अस्पताल में एडमिट हैं। उन्होंने यह भी लिखा था कि जिंदा रही तो कोर्ट अवश्य जाऊंगी।

बता दें कि प्रज्ञा ठाकुर खराब सेहत का हवाला देकर पिछले काफी समय से कोर्ट में पेश नहीं हो रहीं थी। इसे लेकर उनके वकील जेपी मिश्रा ने कोर्ट से पेशी में छूट देने की अपील की थी। लेकिन कोर्ट ने मंगलवार को सुनवाई के दौरान अपील को खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि अब मामले में अंतिम बहस चल रही है और इस दौरान उनका हाजिर रहना अनिवार्य है।