रेत खनन, नर्मदा नदी प्रदूषण के मुद्दे पर गरमाई सियासत, कांग्रेस ने किया सदन से वॉक आउट

सदन में गूंजा अवैध खनन का मुद्दा, कांग्रेस ने किया वॉक आउट, इशारों इशारों में बीजेपी के मंत्री तुलसीराम सिलावट को कांग्रेस विधायक लक्ष्मण सिंह ने कहा विश्वासघाती

Updated: Mar 04, 2021, 10:10 AM IST

Photo Courtesy: The Economic Times
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भोपाल। मध्यप्रदेश में विधानसभा का बजट सत्र जारी है। गुरुवार को प्रश्नकाल के दौरान सदन में अवैध रेत उत्खनन का मुद्दा गूंजा। इस दौरान सराकर और विपक्षी कांग्रेस में बहस हुई। जो बढ़ते-बढ़ते तीखी नोक-झोंक में बदल गई। अवैध खनन के बढ़ते मामलों पर कांग्रेस ने शिवराज सरकार को जमकर घेरा। इस दौरान सदन में जोरदार हंगामा देखने को मिला। दरअसल कांग्रेस विधायक आरिफ अकील ने विधानसभा में अवैध रेत खनन को लेकर सवाल पूछा था। उन्होंने पूछा कि साल 2019 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन जगहों पर रेत माफिया द्वारा कानून का उल्लंघन किया गया? कांग्रेस विधायक आरिफ अकील ने सरकार से जानकारी मांगी है कि प्रदेश के सभी जिलों में खनन माफियों पर क्या केस दर्ज किए गए हैं। इसकी जानकारी जिलेवार दी जाए।

आरिफ अकील के प्रश्न का उत्तर देते हुए खनिज मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ने रेत माफिया की मौजूदगी से ही इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में रेत माफिया जैसी कोई स्थिति नहीं है। ग्वालियर-चंबल समेत अन्य संभागों में निविदा के माध्यम से निविदाकारों को खदान संचालन की परमीशन दी गई है। उन्होंने जानकारी दी कि ग्वालियर-चंबल इलाके में बड़े पैमाने पर कार्रवाई की गई। अकेले भिंड में ही 40 केस सामने आए हैं। जहां गाडियों को जब्त करने की कार्रवाई की है। इस मुद्दे पर तीखी नोकझोंक के बाद कांग्रेस ने वॉकआउट कर दिया।

मध्य प्रदेश की पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर का मुद्दा भी कांग्रेस ने उठाया। मंत्री पर आरोप है कि उन्होंने वन विभाग से जब्त की हुई JCB मशीन जबरन छुड़वाई थी। जिसका जवाब मंत्री  बृजेन्द्र प्रताप सिंह नहीं दे पाए। मंत्री ने यह कहते हुए मामले से किनारा कर लिया कि आरिफ अकील ने ग्वालियर चंबल के बारे में सवाल पूछा था, इंदौर के बारे में नहीं।

लक्ष्मण सिंह के निशाने पर तुलसी राम सिलावट

सदन में कांग्रेस विधायक लक्ष्मण सिंह ने इशारों-इशारों में मंत्री तुलसी सिलावट को विश्वासघाती कह दिया। दोनों में तीखी तकरार देखने को मिली। चाचौड़ा के विधायक लक्ष्मण सिंह ने अपने विधानसभा क्षेत्र में आदिवासी इलाके फतेहपुर तालाब का काम बंद होने का मुद्दा उठाया था। इस बारे में जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट ने विधायक को आश्वासन देते हुए कहा कि केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय से परमीशन मिलने पर जल्द ही तालाब का निर्माण कार्य दोबारा शुरू होगा। इतना सुनते ही लक्ष्मण सिंह ने कहा कि अब आपकी बात पर भरोसा नहीं है, क्योंकि आप पहले ही विश्वासघात कर चुके हैं। गौरतलब है कि जल संसाधन मंत्री तुलसी राम सिलावट ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हो गए थे।  

नर्मदा नदी प्रदूषण का उठा मुद्दा

 कांग्रेस विधायक संजय यादव ने सरकार से पूछा की जबलपुर में नर्मदा में प्रदूषण और गंदगी रोकने को लेकर सरकार का क्या प्लान है। इस मसले पर विधायकों ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव दिया था। इस प्रस्ताव को विधानसभा स्पीकर गिरीश गौतम ने स्वीकार कर लिया था। इस बारे में नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने सदन को बताया कि जबलपुर के ग्वारीघाट में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित है। जबकि दूसरी जगहों पर सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स की स्थापना की जा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार नर्मदा को स्वच्छ रखने के लिए संकल्पबद्ध है। नर्मदा में गंदा पानी मिलने से रोकने के लिए 19 जगहों पर सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट स्वीकृत किए थे। इन सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स की लागत 1262 करोड़ रुपये है। कुछ ट्रीटमेंट प्लांट का काम पूरा हो गया है, जबकि कुछ में अभी काम किया जा रहा है।