MP Budget Session: राज्यपाल के अभिभाषण के बाद विपक्ष का हंगामा, सदन की कार्यवाही स्थगित

बजट सत्र के पहले दिन कांग्रेस विधायकों ने सदन में भाजपा के संकल्प पत्र की प्रति दिखाकर हंगामा किया, उमंग सिंघार ने कहा कि राज्यपाल ने अपने अभिभाषण में संकल्प पत्र के वादों का कोई जिक्र नहीं किया।

Updated: Feb 07, 2024, 01:05 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र बुधवार 7 फरवरी से शुरू हो गया। बजट सत्र का पहला दिन हंगामेदार रहा। कांग्रेस विधायकों ने सदन में भाजपा के संकल्प पत्र की प्रति दिखाकर हंगामा किया। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि राज्यपाल ने अपने अभिभाषण में संकल्प पत्र के वादों का कोई जिक्र नहीं किया।

विधानसभा का बजट सत्र की शुरू होने से पहले राज्यपाल मंगू भाई पटेल विधानसभा पहुंचे। सीएम डॉक्टर मोहन यादव, संसदीय कार्यमंत्री कैलाश विजयवर्गीय और नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने उनकी अगवानी की। इसके बाद राज्यपाल का अभिभषण शुरू हुआ। राज्यपाल ने 48 पेज के अभिभाषण में 59 पाइंट में सरकार की योजनाएं और उपलब्धियां बताईं। उन्होंने भाषण के कुछ अंश पड़े। इसके बाद सदन से चले गए।

राज्यपाल के अभिभाषण के बाद कांग्रेस विधायक हंगामा करने लगे। कांग्रेस विधायकों ने कहा कि सदन में राज्यपाल से झूठ बुलवाया गया। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि अभिभाषण में धान की खरीदी 3100 रुपये प्रति क्विंटल, गेहूं का मूल्य 2700 रुपये और 450 रुपये में रसोई गैस सिलेंडर देने का उल्लेख नहीं है।  हंगामे के बीच विधानसभा की कार्यवाही गुरुवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने अपने अभिभाषण में मप्र सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि विकसित भारत संकल्प यात्रा में 50 लाख से अधिक लोगों को लाभान्वित किया गया है। उन्होंने कहा कि अयोध्या में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा ने पूरे देश को भक्तिमय माहौल में सराबोर कर दिया है। चित्रकूट और ओरछा में राम वन गमन पथ के लिए मेरी सरकार ने प्रतिबद्ध होकर काम शुरू कर दिया है। तीर्थ स्थलों के लिए हेलीकॉप्टर सेवा शुरू की जाएगी। मध्य प्रदेश में श्री राम और श्री कृष्ण के जहां जहां कदम पड़े उन स्थानों को तीर्थ के रूप में विकसित किया जाएगा।

राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश में आईआईटी जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के माध्यम से फ्यूचर जॉब स्किल कोर्सेज में 7 हजार युवाओं को प्रशिक्षण दिलाए जाने की योजना है। विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं के लिए अंकसूची एवं उपाधियों को डिजीलॉकर में अपलोड करने की व्यवस्था लागू की जा रही है।

विधानसभा परिसर में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मीडिया से बातचीत के दौरान हरदा हादसे को शासन-प्रशासन की लापरवाही बताते हुए कहा कि कल विधानसभा में हम हरदा का मामला उठाएंगे। वहीं, कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह ने कहा कि हरदा की फैक्ट्री को साल 2022 में भी सील किया गया था, फिर कैसे शुरू हो गई? उन्होंने मृतकों के परिजनों को 15-15 लाख सहायता राशि देने की मांग की।