मध्य प्रदेश उपचुनाव के परिणामों में देरी के आसार, शाम तक चलेगी काउंटिंग

सभी पार्टियों ने स्ट्रांग रूम के बाहर लगाई कार्यकर्ताओं की ड्यूटी, मतगणना के दौरान कोविड-19 प्रोटोकॉल का भी रखा जाएगा ध्यान

Updated: Nov 07, 2020, 04:02 PM IST

Photo Courtesy: NBT
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भोपाल। मध्य प्रदेश में 3 नवंबर को हुए उपचुनावों के बाद ना केवल इन 28 विधानसभाओं की जनता बल्कि पूरा प्रदेश अब इनके परिणामों का इंतज़ार कर रहा है। यह इंतज़ार थोड़ा और लम्बा हो जाएगा क्योंकि 10 नवंबर को परिणाम देर शाम तक आने के आसार हैं।

जानकारी के मुताबिक वोटों की गिनती सुबह 8 बजे से शुरू हो जाएगी और रुझान एक घंटे बाद 9 बजे से ही समझ आने लगेंगे। हालांकि चुनावी पंडितों को जीतने वाले प्रत्याशियों और पार्टियों का अनुमान लगाने के लिए कम से कम 12 बजे तक के रुझानों का इंतज़ार करना होगा। मतगणना के प्रत्येक राउंड के बाद तालिका बना कर घोषणा की जाएगी।

गिनती शुरू होने से पहले सभी अफसरों और कर्मचारियों के तापमान की जांच की जाएगी, उन्हें सैनिटाइज कर मास्क भी उपलब्ध करवाए जाएंगे। मतगणना स्थल को एक दिन पहले पूरी तरह से सैनिटाइज किया जाएगा। राजनैतिक दलों के प्रतिनिधि मतगणना स्थल पर मौजूद रहेंगे। 

चुनाव आयोग द्वारा एक बड़े हॉल में 8 टेबलों की व्यवस्था की गई है ताकि कोविड-19 से बचाव के लिए कर्मचारियों में दूरी बनी रहे। कितने वोट डाले गए हैं उस आधार पर रिटर्निंग अफसरों को यह तय करना होगा कि ऐसे कितने हॉल बनवाए जाएंगे और मतगणना कितने चरणों में करवाई जाएगी। पहले राउंड की घोषणा के बाद ही दूसरा राउंड शुरू किया जाएगा। इसी वजह से परिणाम के लिए जनता व नेता दोनों को शाम तक इंतजार करना होगा। 

फिलहाल सभी राजनीतिक दलों ने EVM पर कड़ी नजर रखने के लिए अपने प्रतिनिधि स्ट्रॉन्ग रूम पर लगा रखे हैं। सभी जिलों के रिटर्निंग अफसरों ने प्रतिनिधियों की ड्यूटी के लिए पास की व्यवस्था करवाई है। कांग्रेस स्ट्रॉन्ग रूम की सुरक्षा को लेकर ज़्यादा सजग दिखाई दे रही है। आमतौर पर स्ट्रॉन्ग रूम के बाहर 3 पार्टी कार्यकर्ता 8 घंटे की शिफ्ट में काम करते हैं लेकिन इस बार कांग्रेस ने स्ट्रॉन्ग रूम के बाहर 4 कार्यकर्ताओं को हर शिफ्ट में तैनात किया है। प्रतिनिधियों के अलावा जिला कलेक्टरों ने लाइव सीसीटीवी कैमरा, पुलिस बल आदि के भी पुख्ता इंतजाम किए हैं।