MP सरकार वापस लेगी कोरोना लॉकडाउन उल्लंघन के केस, 56 हजार से ज्यादा मामले थे दर्ज

गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि सीएम चौहान के निर्देश पर सरकार ने लॉकडाउन अवधि के दौरान कोविड-19 नियमों का उल्लंघन करने के लिए सामान्य धाराओं के तहत दर्ज मामलों को वापस लेने का फैसला किया है।

Updated: Jun 09, 2023, 11:40 AM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। राज्य सरकार उन सभी नागरिकों पर दर्ज केस वापस लेगी, जिन्होंने कोरोना काल में लॉकडाउन नियमों का उल्लंघन किया था। इसके अंतर्गत साधारण धाराओं के तहत लगाए गए सभी केस वापस लिए जाएंगे। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने ये जानकारी दी है।

गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने इस संबंध में जानकारी देते हुए कहा, 'मुख्यमंत्री के निर्देश पर सरकार ने लॉकडाउन अवधि के दौरान कोविड-19 नियमों का उल्लंघन करने के लिए सामान्य धाराओं (गैर-गंभीर अपराधों के लिए लागू) के तहत दर्ज मामलों को वापस लेने का फैसला किया है।' दरअसल, मार्च 2020 के बाद लॉकडाउन के दौरान मास्क नहीं पहनने या सार्वजनिक रूप से एकत्र होने जैसी गतिविधियों के लिए भारतीय दंड संहिता और महामारी अधिनियम के तहत संक्रमण फैलाने की आशंका के आधार पर लोगों के खिलाफ 56,000 से अधिक मामले दर्ज किए गए थे।

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अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) गृह डॉ. राजेश राजोरा ने बताया कि साल 2020 में 20 मार्च से 30 जून तक की पहली लॉकडाउन अवधि के दौरान आईपीसी की धारा 188 (लोक सेवक द्वारा घोषित आदेश की अवज्ञा) के तहत कुल 32463 मामले और महामारी अधिनियम के तहत 669 मामले दर्ज किए गए थे। राजौरा के मुताबिक 13 मार्च 2021 और 19 जून 2021 के बीच लॉकडाउन की दूसरी अवधि के दौरान कुल 22 हजार 336 मामले आईपीसी की धारा 188 के तहत दर्ज किए गए और 1202 मामले महामारी अधिनियम के तहत दर्ज किए गए थे। 

सरकार के इस फैसले से उन हजारों लोगों को काफी राहत मिलेगी, जिन पर कोरोनाकाल में नियम उल्लंघन के मामले दर्ज हो गए थे। इनमें मास्क पहने बिना बाहर निकलना, बिना अनुमति बाहर निकलना, उस समय बनाए गए नियमों का पालन नहीं करना, कोविड प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने सहित कई अन्य तरह के मामले दर्ज किए गए थे।