अनाथ बच्चों की योजना पर शिवराज सरकार को हाई कोर्ट का नोटिस, कट ऑफ डेट पर जवाब दाखिल करने के दिए निर्देश

मध्यप्रदेश में कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों के लिए सरकारी योजना पर दाखिल याचिका में सरकार से सवाल, पूछा अनाथ बच्चों को दिए जाने वाले लाभ का कट ऑफ डेट 1 मार्च 2021 से 30 जून 2021 तक रखने के फैसले को बताया भेदभावपूर्ण और असंवैधानिक

Updated: Jun 23, 2021, 06:19 PM IST

Photo Courtesy : Business Standard
Photo Courtesy : Business Standard

भोपाल। कोरोना काल में अपने माता पिता को खोने वाले बच्चों को आर्थिक सहायता दिलाने के लिए तैयार की गई मध्यप्रदेश सरकार की विवादस्पद योजना अब कोर्ट का भी विषय बन गई है। मध्यप्रदेश हाई कोर्ट ने शिवराज सरकार की योजना की कट ऑफ डेट के संबंध में एक नोटिस जारी किया है। जिसके तहत शिवराज सरकार को 30 जून तक कोर्ट में हलफनामा पेश करने का निर्देश दिया गया है। 

हाई कोर्ट ने शिवराज सरकार को यह नोटिस कोर्ट में दाखिल एक याचिका के सिलसिले में भेजा है जिसमें शिवराज सरकार की कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों को लाभ पहुंचाने के लिए तय की गई कट ऑफ डेट पर सवाल खड़े किए गए हैं। शिवराज सरकार कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों को प्रति माह 5 हज़ार रुपए की आर्थिक सहायता देने वाली है। वहीं बच्चों की स्नातक तक की पढ़ाई भी सरकारी देख रेख में होनी है। लेकिन इसके लिए शिवराज सरकार ने 1 मार्च 2021 से लेकर 30 जून 2021 की कट ऑफ डेट तय कर रखी है। शिवराज सरकार द्वारा निर्धारित की गई यही कट ऑफ डेट विवाद का कारण बनी है।  

बुधवार को जब  मध्यप्रदेश हाई कोर्ट में चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक की दो सदस्यीय बेंच ने याचिका को संज्ञान में लिया तब कोर्ट ने सीधे शिवराज सरकार को जवाब देने के लिए नोटिस भेज दिया। हाई कोर्ट में यह याचिका लॉ की पढ़ाई करने वाले दो छात्रों ने दाखिल की है। याचिकाकर्ताओं ने अपनी याचिका में कहा है कि शिवराज सरकार की योपजना के क्लॉज़ 3.3 में इस बात का उल्लेख है कि जिस बच्चे के माता पिता का देहांत 1 मार्च से पहले हुआ है, उसे सरकार की योजना का लाभ नहीं मिलेगा। याचिकर्ताओं ने कहा है कि सरकार की यह योजना न सिर्फ अफसोसजनक और असंवेदनशील है बल्कि यह अनुच्छेद 14 में संविधान द्वारा प्रदत्त समानता के अधिकार की मुखालिफत करता है।