MP News: रतलाम मेडिकल कॉलेज में रैगिंग, दर्द निवारक दवा खिलाकर की गई मारपीट

रतलाम के शासकीय डॉ. लक्ष्मीनारायण पांडे मेडिकल कॉलेज के छात्रों के साथ रैगिंग से जुड़ा मामला सामने आया है। यहां फर्स्ट ईयर के 10 से ज्यादा जूनियर छात्र थाने पहुंचे और पुलिस से शिकायत की कि कॉलेज के सीनियर छात्रों ने उनकी रैगिंग की और उन्हें डाइक्लोफेन (दर्द निवारक दवा) खिलाकर जमकर मारपीट भी की गई।

Publish: Mar 03, 2024, 01:53 PM IST

रतलाम। मध्यप्रदेश के कॉलेजों में जूनियर छात्रों के साथ रैगिंग जैसी घटनाएं नहीं रुक रही हैं। एक बार फिर रतलाम के शासकीय डॉ. लक्ष्मीनारायण पांडे मेडिकल कॉलेज के छात्रों के साथ रैगिंग से जुड़ा मामला सामने आया है। यहां फर्स्ट ईयर के 10 से ज्यादा जूनियर छात्र थाने पहुंचे और पुलिस से शिकायत की कि कॉलेज के सीनियर छात्रों ने उनकी रैगिंग की और उन्हें डाइक्लोफेन (दर्द निवारक दवा) खिलाकर जमकर मारपीट भी की गई।

पीड़ित जूनियर छात्रों ने बताया कि कई महीनों से रैगिंग चल रही थी। सीनियर्स अपनी फाइलें रातभर जगाकर लिखवाते थे। इतना ही नहीं वे बाहर से उनकी जरूरत के समान भी मंगवाते थे। लेकिन शुक्रवार को सीनियरों ने हद कर दी. सीनियर्स ने उन्हें टेबलेट्स खिलाकर उनके साथ मारपीट की। 

इधर, राजकीय मेडिकल कॉलेज के डीन ने यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है, छात्र सीधे थाने पहुंच गए, अब मैं उनसे बात करूंगा और पता करूंगा कि क्या हुआ। मेडिकल कॉलेज डीन का कहना है कि रैगिंग के मामले पहले भी सामने आए थे। मैंने भी सख्त कार्रवाई करते हुए रैगिंग करने वाले छात्रों को 1 साल के लिए निष्कासित कर दिया था। फिलहाल इस मामले में सरकारी मेडिकल कॉलेज के डीन ने जांच करने की बात कही है। वहीं पुलिस ने भी आवेदन ले लिया है और कहा है कि जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी। 

इस मामले में पुलिस की कार्रवाई पर भी सवाल उठ सकते हैं। क्योंकि जब छात्र खुद मारपीट की शिकायत करने थाने पहुंचे तो इन छात्रों की मेडिकल जांच क्यों नहीं कराई गई? पिटाई और दर्द निवारक दवाएँ देने की गंभीर शिकायतों के बावजूद पुलिस ने छात्रों को बिना मेडिकल कार्रवाई के वापस क्यों भेज दिया? बता दें कि इससे पहले रतलाम में स्वशासी मेडिकल कॉलेज में जूनियर्स के साथ रैगिंग का मामला सामने आया था। इस मामले का वीडियो भी वायरल हुआ था।