भोपाल में सड़क निर्माण कार्य में भ्रष्टाचार उजागर, बिलखिरिया के पास सड़क का 100 मीटर हिस्सा धंसा

भोपाल के बिलखिरिया में सोमवार दोपहर एक सड़क का करीब 100 मीटर हिस्सा अचानक धंस गया। हादसे में कोई हताहत नहीं हुआ। सड़क एमपीआरडीसी के अधीन है।

Publish: Oct 13, 2025, 05:37 PM IST

भोपाल। राजधानी भोपाल के बिलखिरिया इलाके में सोमवार दोपहर एक बड़ा हादसा टल गया जब एक सड़क का करीब 100 मीटर लंबा हिस्सा अचानक धंस गया। घटना दोपहर 12 से 1 बजे के बीच मंडीदीप से ईंटखेड़ी जाने वाले रास्ते पर पुल के पास हुई। गनीमत रही कि हादसे के वक्त वहां से कोई वाहन नहीं गुजर रहा था वरना कोई बड़ा हादसा हो सकता था। प्रशासन ने फिलहाल क्षेत्र को घेराबंदी कर मरम्मत कार्य शुरू करने की तैयारी शुरू कर दी है। अधिकारियों का कहना है कि सड़क के धंसने के कारणों का पता लगाने के लिए तकनीकी टीम गठित की जाएगी।

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यह सड़क मध्य प्रदेश रोड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (MPRDC) के अंतर्गत आती है और इंदौर, होशंगाबाद, जबलपुर, जयपुर, मंडला और सागर जैसे प्रमुख शहरों को जोड़ती है। हादसे के बाद तत्काल एक तरफ का रास्ता बंद कर ट्रैफिक डायवर्ट किया गया है। घटना होने के बद मौके पर पुलिस बल तैनात किया गया है। सूखी सेवनिया थाना प्रभारी रामबाबू चौधरी ने बताया कि सड़क धंसने की सूचना मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंची और ट्रैफिक को सुरक्षित दिशा में मोड़ दिया गया। उन्होंने बताया कि हादसे की जांच की जा रही है और सड़क की सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।

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स्थानीय किसान आशीष यादव ने बताया कि हर साल यहां मेंटेनेंस का काम होता है लेकिन गुणवत्ता पर ध्यान नहीं दिया जाता है। उन्होंने कहा, “अगर समय पर सही तरीके से मरम्मत की जाती, तो सड़क इतनी बुरी तरह नहीं धंसती।” घटना के बाद पहले यह बात सामने आई कि सड़क राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के अंतर्गत आती है। हालांकि, एनएचएआई ने तुरंत स्पष्टीकरण जारी करते हुए कहा कि यह सड़क उनके अधिकार क्षेत्र की नहीं है। एनएचएआई के अधिकारी ने बताया, “सूखी सेवनिया के तहत बिलखिरिया से कल्याणपुर रेलवे ब्रिज की ओर करीब 100 मीटर आगे यह पुल धंसा है। यह सड़क MPRDC के अधिकार क्षेत्र में आती है।”

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वहीं, प्रदेश में ये घटना कोई पहली नहीं है। तीन महीने पहले ही पीडब्ल्यूडी मंत्री राकेश सिंह ने सड़कों पर गड्ढों को लेकर विवादित बयान दिया था। उन्होंने कहा था, “जब तक सड़के रहेंगी, तब तक गड्ढे होते रहेंगे। ऐसी कोई तकनीक नहीं आई है जिससे कहा जा सके कि अब सड़क पर कभी गड्ढा नहीं बनेगा।” मंत्री ने यह भी कहा था कि गलती तब होती है जब चार साल तक ठीक रहने वाली सड़क छह महीने में ही टूट जाए। लेकिन बिलखिरिया की घटना ने एक बार फिर सड़क निर्माण और रखरखाव की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।