पंचायत चुनाव: ओबीसी आरक्षण को लेकर कोर्ट जाएगी शिवराज सरकार, विधानसभा में सीएम का एलान

ओबीसी आरक्षण, परिसीमन, रोटेशन पद्धति पर विधानसभा में कांग्रेस और बीजेपी में जमकर बहस हुई, कांग्रेस ने शिवराज सरकार पर ओबीसी वर्ग के लोगों को धोखा देने का आरोप लगाया

Updated: Dec 21, 2021, 09:46 AM IST

भोपाल। विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन पंचायत चुनाव से जुड़े बहस के दौरान सीएम शिवराज सिंह चौहान ने बड़ा एलान कर दिया। सीएम शिवराज ने कहा कि मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव ओबीसी आरक्षण के साथ होंगे। सीएम ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा लगाए गए स्टे को हटाने के लिए उनकी सरकार कोर्ट का रुख करेगी। 

विधानसभा में बहस के दौरान सीएम शिवराज ने दावा किया कि पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण पर लगे स्टे के संबंध में उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के साथ भी चर्चा की है। इसके अलावा उन्होंने कानून के जानकारों से भी इस मसले पर चर्चा की है। सीएम ने कहा कि ओबीसी आरक्षण के लिए उनकी सरकार कोर्ट जाएगी, और इसमें केंद्र सरकार भी उनकी सरकार का सहयोग करने पर राज़ी है। 

इससे पहले सदन की कार्यवाही के दौरान ओबीसी आरक्षण को लेकर सीएम शिवराज और पूर्व सीएम कमल नाथ में जोरदार बहस देखने को मिली। सीएम शिवराज ने कांग्रेस के 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण पर टिप्पणी करते हुए कहा कि कांग्रेस की सरकार ने इस संबंध में कोई प्रयास ही नहीं किया। जिस वजह से हाई कोर्ट ने भी इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया। 

सीएम के इस बयान पर पीसीसी चीफ कमल नाथ ने पलटवार करते हुए कहा कि कोर्ट का बहाना न बनाएं, हम साथ में ही कोर्ट चलते हैं। सदन सर्वसम्मति से इसे पास करे। कमल नाथ ने सीएम शिवराज की कार्यशैली पर निशाना साधते हुए कहा कि आपकी सरकार ने किसी भी सरकारी भर्ती में 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण नहीं दिया। दिया हो तो बताएं।

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वहीं स्थगन प्रस्ताव पर बोलते हुए कांग्रेस विधायक कमलेश्वर पटेल ने शिवराज सरकार पर जमकर वार किए। कांग्रेस विधायक ने कहा कि ओबीसी आरक्षण को लेकर जो स्थिति बनी है, उसकी जिम्मेदार शिवराज सरकार है। उन्होंने कहा कि शिवराज सरकार जल्दबाजी में परिसीमन और आरक्षण को लेकर अध्यादेश लेकर आई।