सबसे बड़े दरबार में पहुंची पुलिसकर्मियों की फरियाद, देवों के देव महादेव से की ग्रेड पे बढ़ाने की मांग

मध्य प्रदेश के पुलिसकर्मियों ने फिर लिखी बाबा महाकाल को चिट्ठी, बोले- हे तीनों लोक के स्वामी, कई वर्षों से लंबित हमारी मांगों को पूरी कर दो

Updated: Sep 09, 2021, 01:39 PM IST

उज्जैन। नागरिकों की फरियाद सुनने वाले पुलिसकर्मी अपनी फरियाद लेकर सबसे बड़े दरबार बाबा महाकाल के शरण में पहुंच गए हैं। पुलिसकर्मियों ने बाबा महाकाल को एक बार फिर चिट्ठी लिखकर अपनी लंबित मांगों को पूरी करने की गुजारिश की है। पुलिसकर्मियों की यह चिट्ठी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है। 

वायरल चिट्ठी में लिखा गया है कि, 'हें देवों के देव महादेव, तीन लोक के स्वामी महाकाल राजा से हाथ जोड़कर प्रार्थना है कि हमारी सुरक्षा में 24 घंटे मुस्तैद रहने वाली मध्यप्रदेश पुलिस के जवानों की कई वर्षों से लंबित पड़ी मांगें अबतक पूरी नहीं हुई है। पुलिसकर्मी दूसरे शासकीय कर्मचारियों की तरह घरना, भूख हड़ताल आदि नहीं कर सकते क्योंकि वे अनुशासन में बंधे होते है। ऐसे में हमारी कोई नहीं सुनता हैं। हमारे कई जवान आत्म हत्या कर चुके हैं लेकिन सुध लेने वाला कोई नहीं है।'

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चिट्ठी में बाबा महाकाल से निवेदन किया गया है कि वे जिम्मदारों को अहसास कराएं कि पुलिस कर्मी भी इंसान हैं और कष्ट दायक जीवन जी रहे हैं। बाबा महाकाल के नाम पुलिसकर्मियों की यह चिट्ठी सामने आने के बाद मध्य प्रदेश की राजनीति गरमा गई है। कांग्रेस नेता पीसी शर्मा ने बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुआ कहा है कि ये उस मिट्टी के बने हुए हैं जो महाकाल की भी नहीं सुनेंगे। 

मामले पर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा से जब पूछा गया तो उन्होंने कोई आश्वासन देने के बजाए कहा कि हम भी बाबा से अनुरोध करेंगे कि पुलिसकर्मियों की मांगें जल्द पूरी कर दें। बाबा सब की सुनते हैं, उनकी भी सुनेंगे। हालांकि, मिश्रा ये कहने से बचते रहे कि पुलिसकर्मियों की मांगें पूरा करने का अधिकार किसके पास है। बता दें कि प्रदेश के पुलिसकर्मियों ने पिछले साल भी महाकाल को यह चिट्ठी सौंपी थी। हालांकि, मामले का निवारण नहीं हुआ, जिस वजह से उन्होंने इस साल रिमाइंडर चिट्ठी भेजी है।

ये हैं पुलिसकर्मियों की मुख्य मांगें

* गुह जिले में तैनाती
* वर्तमान 1900 ग्रेड पे से बढ़ाकर 2400 ग्रेड पें किया जाए
* पुलिसकर्मियों का बर्खास्त यूनियन को फिर से बहाल किया जाए
* एक दिवस का साप्ताहिक अवकाश दिया जाए
* मध्यप्रदेश सशस्त्र पुलिस बल की कंपनी को 10 वर्षों के बाद स्थाई किया जाए व परिवार साथ में रखने की अनुमति दी जाए
* साइकिल भत्ता 1861 से 18 रू प्रति माह चल रहा है, जिसकी जगह मोटर साइकिल भत्ता (पेट्रोल) 3000 माह रूपये किया जाए
* आवास भत्ता 5 हजार रूपये प्रति महीना किया जाए जो कि वर्तमान में 500 रू है
* रात्री गस्त डयूटी का भत्ता 300 रूपये शुरू किया जाए