मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग का दावा, रविवार को पहली बार कोरोना से नहीं हुई एक भी मौत

स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक मध्य प्रदेश के 22 ज़िलों में कोरोना का एक भी मरीज़ नहीं मिला, प्रदेश में सबसे पहले 25 मार्च 2020 को कोरोना के मरीज़ की मौत हुई थी

Updated: Feb 08, 2021, 06:54 AM IST

Photo Courtesy: Business Today
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भोपाल। मध्य प्रदेश में कोरोना टीकाकरण के दूसरे दौर के बीच स्वास्थ्य विभाग ने दावा किया है कि रविवार को राज्य में कोरोना के कारण एक भी मरीज़ की मौत नहीं हुई। स्वास्थ्य संचालनालय द्वारा जारी हेल्थ बुलेटिन को अगर सही माना जाए तो बीते ग्यारह महीनों में रविवार पहला ऐसा दिन रहा जब कोरोना के कारण एक भी व्यक्ति ने अपनी जान नहीं गंवाई। इसके साथ ही रविवार को प्रदेश के कुल 22 ज़िले ऐसे रहे जहां कोरोना का एक भी मामला सामने नहीं आया। 

कोरोना काल और टीकाकरण की प्रक्रिया के बीच स्वास्थ्य विभाग का दावा शुभ संकेत है। आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में कोरोना का संक्रमण दर अब 1.1 फीसदी है। प्रदेश के इंदौर में पिछले दस दिनों से कोरोना के कारण एक भी व्यक्ति की जान नहीं गई है। कोरोना से बचाव में सबसे आगे प्रदेश का खंडवा ज़िला है। खंडवा में पिछले 47 दिनों से एक भी मरीज़ की मौत नहीं हुई है। खरगोन में भी 9 जनवरी से एक भी मरीज़ कोरोना के कारण नहीं मरा है। जबलपुर में यह स्थिति 26 जनवरी से बनी है। जबकि ग्वालियर और राजधानी भोपाल में क्रमशः 4 और 2 दिनों से एक भी मरीज़ की मौत नहीं हुई है। 

इसका असर अस्पतालों में भी दिख रहा है। अस्पताल के बिस्तर अब धीरे धीरे खाली होने लगे हैं। हालांकि प्रदेश के ज़िलों में अभी भी कोरोना के एक्टिव केस मौजूद हैं। सबसे ज़्यादा 625 मरीज़ भोपाल के अस्पतालों में भर्ती हैं। प्रदेश में कोरोना के कारण अब तक कुल 3850 लोग अपनी ज़िन्दगी से हाथ दो बैठे हैं। प्रदेश में कोरोना के कारण सबसे पहली मौत उज्जैन में 25 मार्च, 2020 को हुई थी। प्रदेश में सितंबर महीने में कोरोना के कारण सबसे ज़्यादा 922 मौतें हुई थीं। 

इसी बीच प्रदेश में टीकाकरण का दूसरा दौर भी शुरू हो गया है। टीकाकरण 8,10 और 11 फरवरी को किया जाएगा। सोमवार से शुरू हुए टीकाकरण के इस दूसरे दौर में क़रीब 2.81 लाख फ्रंटलाइन वर्कर्स का टीकाकरण किया जाएगा। केवल राजधानी भोपाल से 26 हज़ार वर्कर्स हैं जिन्हें टीका लगाया जाएगा।