PM मोदी का शहडोल दौरा आज, पकरिया में आदिवासियों से करेंगे मुलाकात, मंगवाए गए 100 से अधिक खाट

पीएम मोदी पकरिया गांव के जल्दी टोला में आम के बगीचे में देशी ठाठ के साथ जनजातीय समुदाय के लोगों के साथ कोदो-कुटकी भात समेत अन्य व्यंजनों का लुफ्त उठाएंगे।

Updated: Jul 01, 2023, 10:44 AM IST

शहडोल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 1 जुलाई को मध्य प्रदेश के शहडोल आ रहे हैं। यहां वे रानी दुर्गावती गौरव यात्रा का समापन करेंगे। इस दौरान वह राष्ट्रीय सिकल सेल उन्मूलन मिशन की शुरुआत भी करेंगे। प्रधानमंत्री इस कार्यक्रम में आयुष्मान हितग्राहियों को कार्ड वितरण भी करेंगे। मौसम साफ रहने पर ग्राम पकरिया में आम के बगीचे में जनजातीय समुदाय के लोगों के साथ भोजन और खाट कर बैठकर संवाद करेंगे, जिसे लेकर प्रशासन ने तैयारी पूरी कर ली है।

दरअसल, 27 जून को ही पीएम मोदी शहडोल आने वाले थे, लेकिन खराब मौसम के कारण अचाकन उनका दौरा स्थगित कर दिया गया था, जो अब 1 जुलाई को फिर तय किया गया। प्रधानमंत्री दोपहर 3.25 बजे लालपुर आएंगे और शाम 6.40 बजे लौटेंगे। शहडोल का मौसम लगातार बदल रहा है। कभी आसमान साफ तो कभी रिमझिम बारिश हो रही है। इसको देखते हुए प्रशासन ने दोनों तरह से तैयारी कर रखी है। यदि कोई अड़चन आती है तो पीएम वर्चुअली भी कार्यक्रम से जुड़ सकते हैं।

शहडोल में पीएम मोदी लालपुर में सिकलसेल एनीमिया मिशन को लॉन्च करेंगे। वे आयुष्मान कार्ड का भी वितरण करेंगे। इसके बाद 6 किलोमीटर दूर पकरिया गांव जाएंगे, जहां जनजातीय समुदाय के कार्यक्रम में शामिल होंगे। पकरिया गांव के जल्दी टोला में PM के भोज की तैयारी जोर-शोर से चल रही है। मेन्यू में 17 प्रकार के पकवानों को शामिल किया गया है। इनमें रोजलेट्टा (अमरू) का शरबत, बेल का शरबत और आम का पना शामिल किया गया है। 

प्रधानमंत्री को परोसी जाने वाली थाली में कोदो भात, कुटकी खीर, ज्वार और मक्के की रोटी, इंद्रहर की कढ़ी, कमल ककड़ी की सब्जी, हल्दी का अचार और महुआ के व्यंजन, खीर या लड्डू भी शामिल किए गए हैं। पीएम मोदी यहां आदिवासियों के साथ खाट पर बैठेंगे। कार्यक्रम से दो दिन पहले ही यहां 100 से अधिक खाट मंगवा लिए गए थे। जिला कलेक्टर में खाट लाने की जिम्मेदारी शिक्षकों को दी थी।

शहडोल संभाग के कमिश्नर राजीव शर्मा ने बताया कि PM नरेंद्र मोदी के लिए जो देसी पकवान तैयार किए जाएंगे, उन्हें गांव के चूल्हे पर ही तैयार किया जाएगा। प्रधानमंत्री समेत करीब 20 मेहमानों के लिए भोजन तैयार किया जाएगा। इस भोजन की जांच PM के सुरक्षा मानकों के अनुरूप की जाएगी।

बता दें कि मध्य प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों में से 47 सीटें आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित है। पिछले चुनाव के ट्रेंड बताते हैं कि 2005 से लेकर अब तक जितने भी चुनाव हुए हैं, उनमें इन 47 सीटों ने मप्र की राजनीति में अपना अहम रोल अदा किया है। जिस पार्टी को इन आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित 47 सीटों में से अधिकतम सीटें मिलती हैं, वही पार्टी मप्र की सत्ता के शिखर पर पहुंच पाती है। ऐसे में भाजपा आदिवासियों को साधने के लिए हर हथकंडा अपना रही है।