MP में पोचर्स बेखौफ, सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में बाघ का शिकार, सिर काटकर ले गए

बाघ का सिर काटने के पीछे अधिकारियों ने तंत्र-मंत्र प्रयोग में शामिल ग्रामीणों और शिकारी गिरोह की भूमिका की आशंका जताई है। शिकारियों को पकड़ने के लिए छानबीन चल रही है।

Updated: Jun 30, 2023, 09:18 AM IST

नर्मदापुरम। मध्य प्रदेश को "टाइगर स्टेट" का दर्जा मिला हुआ है, इसके बावजूद यह राज्य बाघों के जीवन के लिए मुफीद साबित नहीं हो रहा है। आए दिन यहां बाघों की शिकार हो रही है। सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के कोर एरिया चूरना रेंज में बाघ के शिकार का मामला सामने आया है।

नर्मदापुरम जिले के सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में बाघ का क्षत-विक्षत शव मिलने से सनसनी फैल गई है। यह शव 26 जून को मिला। शिकारी बाघ का सिर काटकर अपने साथ ले गए थे। जांच के बाद वन विभाग ने गुरुवार को शिकार की बात स्वीकार की। आमतौर पर शिकारी बाघ का शिकार करने के बाद उसके पंजे काटकर ले जाते थे। यह संभवतः पहला मामला है, जिसमें शिकारी बाघ का सिर काटकर अपने साथ ले गए हैं।

आशंका जताई जा रही है कि बाघ की खोपड़ी को तंत्र क्रिया या दांतों की तस्करी या अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेहद दुर्लभ सिर की ट्राफी बनाने के लिए शिकारियों ने ऐसा किया हो। प्रदेश के जंगलों में इससे पूर्व बाघों की मूंछ और पूंछ के बाल काटने सहित नाखून उखाड़ने और ऐसा करने के लिए पंजे काटने के मामले सामने आ चुके हैं। STR के संवेदनशील कोर एरिया में शिकारियों की पहुंच और बाघ का शिकार करने के बाद उसकी गर्दन काटने का मामला सुरक्षा के तमाम दावों पर सवाल खड़े कर रहा है।

बाघ का सिर काटने के पीछे अधिकारियों ने तंत्र-मंत्र प्रयोग में शामिल ग्रामीणों और शिकारी गिरोह की भूमिका होने की आशंका जताई है। बाघ के शिकारियों को दबोचने के लिए दल बनाकर जंगलों में छानबीन की जा रही है। टाइगर स्ट्राइक फोर्स भी मामले की जांच कर रही है। सूत्रों के मुताबिक जंगल से सटे भातना समेत कुछ गांवों के लोगों से पूछताछ की जा रही है।

बता दें कि सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में कुछ महीने पहले भी एक बाघ का शिकार हुआ था। 5 महीने पहले इन शिकारियों को एसटीआर और एसटीएफ ने बैतूल और छिंदवाड़ा से पकड़ा था। जिनसे बाघ की खाल बरामद हुई। शिकारियों में एक टीचर भी शामिल था।