मदरसे में पढ़ने के नाम पर बिहार से भोपाल लाए गए गरीब 30 बच्चे, भोपाल में किया गया बच्चों का रेस्क्यू
मानव तस्करी के शक में पुलिस और रेलवे ने बैरागढ़ से 23 और हबीबगंज रेलवे स्टेशन से 7 बच्चों को किया रेस्क्यू, बचपन बचाओ आंदोलन के प्रणेता और नोबल प्राइज विनर कैलाश सत्यार्थी बोले महामारी जैसे समय में भी बाल तस्करी अब तक के उच्चतम स्तर पर, बच्चों को बचाने के लिए रेलवे का किया शुक्रिया

भोपाल। राजधानी में मानव तस्करी का मामला सामने आया है, बिहार से मदरसे में पढ़ाने के बहाने भोपाल और इंदौर लाए गए 30 बच्चों का रेस्क्यू किया गया है 23 बच्चों को बैरागढ़ रेलवे स्टेशन पर और 7 बच्चों को हबीबगंज रेलवे स्टेशन पर रेस्क्यू किया गया। ये सभी बच्चे गरीब परिवारों से हैं, इनके घरों की आर्थिक हालत ठीक नहीं हैं। सभी की उम्र 14 से 17 वर्ष के बीच है। इन सभी बच्चों को मदरसे में पढ़ाने के नाम पर बिहार से लाया गया था। इन्हें विभिन्न जगहों परा बाल मजदूरी के लिए लगाया जाने का प्लान था।
लेकिन पुलिस औऱ रेलवे की सतर्कता से दो दिनों में 30 बच्चों का रेस्क्यू किया गया। इन सभी बच्चों को पुलिस ने बाल कल्याण समिति और चाइल्ड लाइन संस्था के सहयोग से रेस्क्यू किया है। दरअसल लाइन संस्था ने पुलिस की खबर दी थी कि बिहार से बड़ी संख्या में किशोरों को लाया जा रहा है। बच्चों के परिजनों को बच्चों के बारे में जानकारी दे दी गई है। चाइल्ड लाइन ने मंगलवार रात ही बच्चों के परिजनों से फोन पर बात की और बच्चों के भोपाल में होने की जानकारी दी। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार 16 बच्चों को छोड़ा जा चुका है, जबकि 7 बच्चों को पुराने भोपाल के छोला इलाका स्थित शेल्टर होम में रखा गया है। इन बच्चों के पेरेंट्स इन्हें लेने भोपाल आने वाले हैं।
दरअसल मामले का खुलासा तब हुआ जब किसी ने RPF को फोन पर खबर दी कि अगरतला एक्सप्रेस से कुछ बच्चों को काम के सिलसिले में भोपाल और ओबेदुल्लागंज भेजा जा रहा है। जिसके बाद RPF ने तुरंत एक्शन लेते हुए सभी बच्चों को बैरागढ़ और भोपाल में उतार लिया। शेल्टर होम भेज दिया। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार सभी बच्चों के पास आधार कार्ड और ट्रेन के टिकट मिले हैं। बच्चों ने बताया है कि उनका परिवार गरीब है, उन्हें खाने तक के लिए परेशानी का सामना करना पड़ता था, यही वजह थी कि वे भोपाल और इंदौर में काम की तलाश में आए हैं। वहीं नोबल शांति पुरस्कार से नावाजे जा चुके कैलाश सत्यार्थी ने चाइल्ड लाइन के इस प्रयास की तारीफ की है ।
Child trafficking seems at an all time high as a result of the pandemic. In a night-long operation, my @BBAIndia colleagues rescued 23 children in Bhopal,14 in Vijayawada &13 in Kolkata from railway stations with the help of GRP & RPF. Thanks dear @PiyushGoyal ji & @RailwaySeva pic.twitter.com/ug9iORAp2z
— Kailash Satyarthi (@k_satyarthi) July 6, 2021
उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है कि महामारी जैसे समय में भी बाल तस्करी अब तक के उच्चतम स्तर पर है। रात भर चले ऑपरेशन में, मेरे सहकर्मियों ने जीआरपी और आरपीएफ की मदद से भोपाल में 23, विजयवाड़ा में 14 और कोलकाता में 13 बच्चों को रेलवे स्टेशनों से सुरक्षित रेस्क्यू किया है। उन्होंने रेल मंत्री पीयूष गोयल और रेलवे का धन्यवाद किया है।