बड़वानी में दर्द से कराहती रही गर्भवती महिला, एंबुलेंस तक पहुंचाने के लिए 8 किलोमीटर दूर ले गए परिजन

बड़वानी के पानसेमल जनपद का मामला, खामघाट फलिए तक नहीं है एंबुलेंस पहुंचने की सुविधा, सरकार के उदासीन रवैये का शिकार है यह गांव

Updated: Jul 25, 2021, 04:00 AM IST

बड़वानी। एक तरफ जहां राज्य में चौतरफा विकास के दावे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ एक गर्भवती महिला को एंबुलेंस तक पहुंचाने के लिए आठ किलोमीटर तक उसके परिजन उसे कंधों पर ले जाते हैं। मानवता को शर्मसार करने वाली यह तस्वीर बड़वानी ज़िले के पानसेमल जनपद का है। 

शनिवार को पानसेमल के खामघाट फलिए नामक गांव में सुनीता नामक गर्भवती महिला को प्रसव पीड़ा हुई। परिवार वालों ने एंबुलेंस को फोन किया। लेकिन गांव तक रास्ता न होने के कारण एंबुलेंस वहां पहुंच नहीं सकी। इसके बाद गर्भवती महिला के परिजन खुद महिला को झोली में डालकर उसे आठ किलोमीटर तक ले गए। इस दौरान दो घंटों तक महिला दर्द से कराहती रही। 

जैसे तैसे परिजन महिला को आमझिरी तक ले गए। इसके बाद एंबुलेंस के द्वारा महिला को पानसेमल के अस्पताल ले जाया गया। जहां महिला ने रात करीब आठ बजे के आसपास बच्चे को जन्म दिया। इस पूरे घटनाक्रम ने सरकारी दावों की पोल खोल दी है। 

लेकिन इससे भी बड़ी अचरज में डाल देने वाली बात यह है कि ग्रामीणों के लिए यह इकलौता उदाहरण नहीं है। कई बार ऐसे ही लोगों को अस्पताल तक ले जाने के लिए ग्रामीण मजबूर रहे हैं। इतना ही नहीं कई गर्भवती महिलाओं समेत समय पर इलाज न मिलने के कारण अन्य लोगों की मौत हो चुकी है।

खामघाट फलिए पहाड़ी पर बसा हुआ एक गांव है। यहां सड़क नहीं है। सड़क नहीं होने के कारण ग्रामीणों को ऐसे ही लचर व्यवस्था का शिकार होना पड़ता है। पूरे गांव में 81 से ज्यादा घर हैं, जिसमें 450 से ज्यादा लोग रहते हैं। यह गांव पानसेमल विधानसभा सीट के अंतर्गत आता है। यहां से बीजेपी के दीवान सिंह पटेल विधायक हैं। ग्रामीणों का कहना है कि वे कई मर्तबा विधायक से सड़क समेत अन्य समस्याओं के निवारण के लिए गुहार लगा चुके हैं। खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से भी शिकायत कर चुके हैं। लेकिन कोई सुध लेने के लिए तैयार ही नहीं है।