23 जुलाई से हर मंगलवार और शुक्रवार को गर्भवती महिलाओं को लगेगी कोरोना वैक्सीन

सप्ताह में दो दिन लगाया जाएगा गर्भवती महिलाओं को कोरोना का टीका, मंगलवार और शुक्रवार का दिन किया फिक्स, सीएम बोले मां और बच्चे लिए सुरक्षा कवच है वैक्सीन, डर छोड़ें, सुरक्षित रहें, 20 लाख से ज्यादा महिलाओं को होगा लाभ

Updated: Jul 22, 2021, 11:12 AM IST

Photo Courtesy: Indian express
Photo Courtesy: Indian express

भोपाल। अब प्रदेश की गर्भवती महिलाओं को भी कोरोना से सुरक्षा मिल सकेगी। शुक्रवार 23 जुलाई से प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों में गर्भवती महिलाओं को वैक्सीन लगाई जाएगी। इसके लिए मंगलवार और शुक्रवार की दिन तय किया गया है। गर्भवती महिलाओं को सामान्य वैक्सीनेशन सेंटर्स पर नहीं जाना पड़ेगा, बल्कि जिन अस्पतालों में वे अपने प्रसव पूर्व रूटीन चेकअप के लिए पहुंचती हैं, वहीं पर एक अलग से रूम तैयार किया गया है। जहां इन महिलाओं का वैक्सीनेशन किया जा सकेगा।

इन महिलाओं के वैक्सीनेशन के लिए प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों, जिला अस्पतालों, सिविल अस्पतालों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में पर्याप्त डोज भेजी जा रही है। गर्भवती महिलाओं के वैक्सीनेशन के लिए ANM समेत सभी स्टाफ नर्सों को खास ट्रेनिंग दी गई है। वैक्सीनेशन सेंटरों पर अतिरिक्त वैक्सीनेशन रूम, वेटिंग रूम, मॉनीटरिंग रूम की निगरानी मेडिकल ऑफिसर करेंगे। यहां भी अन्य सेंटर्स की ही तरह सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक वैक्सीन की डोज लगाई जा सकेगी।

और पढ़ें: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने गर्भवती महिलाओं को कोरोना वैक्सीन लगवाने की मंजूरी दी

इस अभियान की शुरुआत शुक्रवार से की जा रही है। इस बारे में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह का कहना है कि गर्भवती महिला के परिवार की जिम्मेदारी है कि वे उन्हें वैक्सीन लगवाने के लिए आगे आएं। कोरोना टीके से किसी तरह का कोई खतरा नहीं है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि वैक्सीनेशन में उत्साह दिखाएं। ताकि मां बनने वाली महिला और उसका आने वाला बच्चा भी सुरक्षित रह सकें। इस अभियान की शुरुआत से मध्यप्रदेश की करीब 20 लाख महिलाओं के वैक्सीनेशन का रास्ता खुल गया है।

केंद्र सरकार ने भारत में गर्भवती महिलाओं के वैक्सीनेशन की परमीशन दो जुलाई को दी थी। करीब 21 दिन बाद प्रदेश सरकर इन महिलाओं के लिए अभियान की शुरुआत कर रही है। प्रदेश में अब तक 18 साल से अधिक उम्र के करीब ढाई लाख लोगों को वैक्सीन लग चुकी है। वहीं सरकार ने 30 सितंबर तक 18 साल ज्यादा के 5.50 करोड़ लोगों के वैक्सीनेशन का संकल्प लिया है।

इसी महीने की शुरुआत में ICMR की रिपोर्ट आई थी जिसमें कहा गया था कि वैक्सीन गर्भवती महिलाओं के लिए सुरक्षित है। इससे उनके होने वाले बच्चे को कोई खतरा नहीं होगा। रिपोर्ट में कहा गया था कि वैक्सीन लगवा चुकी महिलाओं के सीरियस होने का खतरा ना के बराबर है, अगर उन्हें किसी तरह की कोरोना संक्रमण हो जाता है तो बच्चे पर असर पड़ेगा, लेकिन अगर वैक्सीन लगा ली जाएगी तो कोरोना के खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है। इसी रिपोर्ट के बाद केंद्र ने गर्भवती महिलाओं के वैक्सीनेशन को मंजूरी दे दी थी।