MP में आज से स्वास्थ्य कर्मियों का चरणबद्ध आंदोलन, मांगें नहीं मानी तो करेंगे अनिश्चितकालीन हड़ताल

आंदोलन में स्वास्थ्य अधिकारी-कर्मचारी महासंघ से जुड़े नर्सिंग संवर्ग, पैरामेडिकल, संविदा कर्मचारी, आउटसोर्स, रोगी कल्याण समिति शामिल होंगे।

Updated: Nov 11, 2024, 10:04 AM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश में स्वास्थकर्मी एक बार फिर आंदोलन की राह पर हैं। सोमवार से 15 सूत्रीय मांगों को लेकर स्वास्थ्य कर्मी चरणबद्ध आंदोलन करने जा रहे हैं। आंदोलन में स्वास्थ्य अधिकारी-कर्मचारी महासंघ से जुड़े नर्सिंग संवर्ग, पैरामेडिकल, संविदा कर्मचारी, आउटसोर्स, रोगी कल्याण समिति शामिल होंगे।

समस्त स्वास्थ्य अधिकारी-कर्मचारी महासंघ भोपाल के प्रदेश अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह कौरव ने बताया कि सभी कर्मचारी आज से अगले तीन दिन तक काली पट्टी बांधकर विरोध करेंगे। 18 नवंबर को कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन देंगे और उपमुख्यमंत्री स्वास्थ्य चिकित्सा शिक्षा विभाग के निवास पर ज्ञापन सौंपने जाएंगे। वहीं 25 नवंबर को एक दिवसीय जंगी प्रदर्शन भी करेंगे। अगर हमारी मांगों को नहीं माना गया तो अनिश्चित कालीन हड़ताल भी शुरू करेंगे।

सुरेंद्र सिंह कौरव ने बताया कि प्रदेश के कर्मचारियों में असंतोष है। महासंघ ने फरवरी 2024 में शासन को पत्र ज्ञापन देकर अनुरोध किया कि शीघ्र ही मांगों का निराकरण किया जाए। परंतु विभाग की मनमानी, तानाशाही के चलते जानबूझकर निराकृत नहीं किया जा रहा है। जबकि अधिकतम महासंघ की अनार्थिक मांगे हैं, जिसमें शासन, विभाग पर कोई आर्थिक बोझ भी नहीं आएगा, फिर भी अनदेखा किया जा रहा है। जिससे सभी वर्गों के कर्मचारियों में आक्रोश है।

ये हैं मांगें

* संविदा नीति 2023 के साथ सपोर्ट स्टाफ का पुनः एनएचएम में विलय के साथ एनएचएम में पूर्ण रूप सुनीति लागू की जाए। संविदा स्वास्थ्य संवर्ग की वेतन विसंगति दूर की जाएं।
* नर्सेस पर हड़ताल अवधि में की गई कार्यवाही को निरस्त किया जाए। एएनएम व एमपीडब्ल्यू का हड़ताल अवधि 23 दिवस का वेतन भुगतान किया जाए।
* स्वास्थ्य विभाग की भांति ग्वालियर-रीवा मेडिकल कॉलेज में वेतनवृद्धि दी जा रही है। उसी प्रकार अन्य सभी मेडिकल कॉलेज में भी नर्सिंग संवर्ग को 3 व 4 वेतनवृद्धि दी जाए।
* जब तक प्रमोशन नहीं होते तब तक वरियता के आधार पर प्रभार दिया जाए।
* सातवें वेतनमान का लाभ 2016 से दिया जाए।
चिकित्सकों की भांति अन्य कर्मचारियों को भी रात्रिकालीन भत्ता दिया जाए।
* संचालनालय स्तर पर सहायक संचालक नर्सिंग के पद पर नर्सिंग कैडर को ही वरिष्ठता के आधार पर पदस्थ किया जाए।