सीएम शिवराज के जिले में डेढ़ साल से रेडियोलॉजिस्ट नहीं, भगवान भरोसे हो रहा बच्चों का जन्म

बीते 18 माह से सीहोर जिला चिकित्सालय में एक भी रेडियोलॉजिस्ट नहीं, हर महीने होता है 600 बच्चों का जन्म, सिर्फ 200 की हो पाती है सोनोग्राफी, अधिकांश को देने पड़ते हैं पैसे

Updated: Jan 03, 2021, 08:27 PM IST

सीहोर। मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले सीहोर के सरकारी अस्पताल में प्रसव भी भगवान भरोसे चल रहा है। राज्य के स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर बड़े-बड़े दावे करने वाले मुख्यमंत्री के खुद के जिले के सरकारी अस्पताल में रेडियोलॉजिस्ट तक नहीं है। हैरान कर वाली बात यह है कि पिछले डेढ़ साल से रेडियोलॉजिस्ट ड्यूटी पर नहीं आई है, जबकि अस्पताल में हर महीने करीब 600 महिलाओं का प्रसव होता है।

जिला चिकित्सालय सीहोर के हालात इस कदर बिगड़े हैं कि सिर्फ एक महिला चिकित्सक के भरोसे गर्भवती महिलाओं की सोनोग्राफी कराई जा रही है। ऐसे में सप्ताह में कुछ महिलाओं की ही सोनोग्राफी हो पाती है। इन हालात में अधिकांश गर्भवती महिलाओं को मजबूरन निजी सेंटर्स पर पैसे देकर सोनोग्राफी करवानी पड़ती है। अनुमान के मुताबिक इस इस अस्पताल के मातृ एवं शिशु गहन चिकित्सा इकाइ में प्रतिदिन 15 से 20  प्रसव कराए जाते हैं, जबकि महीने में करीब यहां करीब 600 प्रसव होते हैं, लेकिन सोनोग्राफी की बात की जाए तो यह सिर्फ 200 महिलाओं की ही हो पाती है।

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बताया जा रहा है कि जिला चिकित्सालय सीहोर में तैनात रेडियोलाजिस्ट डॉ नितिन पटेल का तबादला 2019 में ही भोपाल हो गया था। उसके बाद जुलाई 2019 में डॉ नीलम राठौर ने चार्ज लिया था। चौंकाने वाली बात यह है कि चार्ज लेने के बाद वह कभी अस्पताल में डयूटी करने ही नहीं आईं। नतीजतन करीब 18 महीने बीत जाने के बाद भी जिला अस्पताल में कोई रेडियालॉजिस्ट नहीं है जबकि इतनी बड़ी संख्या में गर्भवती महिलाओं का उपचार और प्रसव यहां होता है। 

बदइंतजामी के लिए जिम्मेदार कौन

इस सिलसिले में पूछने पर सिविल सर्जन आनंद शर्मा ने बताया है कि वे संचालनालय और स्वास्थ्य आयुक्त को रेडियालॉजिस्ट की कमी के संबंध में 7 बार पत्र भेज चुके हैं। डॉ नीलम राठौर ज्वाइन करके डयूटी पर नहीं आई। इस मामले में आयुक्त स्तर पर जांच चल रही है। वहीं सीएमएचओ सुधीर डेहरिया का कहना कि इस तरह की नियुक्तियां शासन स्तर पर होती है, हम पत्र भेज चुके हैं।