कत्लखाना बना रतलाम का मेडिकल कॉलेज, मृतक के परिजनों का आरोप, हालत गंभीर होने के बाद भी आईसीयू वार्ड में नहीं किया मरीज़ को शिफ्ट

रतलाम के मेडिकल कॉलेज में रमेश राठौड़ को भर्ती किया गया था, लेकिन मरीज़ की हालत गंभीर होने के बावजूद अस्पताल ने मरीज़ को आईसीयू वार्ड में शिफ्ट नहीं किया, परिजनों का आरोप है कि अस्पताल की लापरवाही के कारण ही मरीज़ की जान गई है

Updated: Apr 17, 2021, 04:42 AM IST

रतलाम। प्रदेश के कोने कोने से अस्पताल की लापरवाही के कारण मरीज़ की मौत की खबरें आ रही हैं। ताज़ा मामला रतलाम का है। रतलाम के मेडिकल कॉलेज में शुक्रवार को मृतक के परिजनों ने हंगामा कर दिया। परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर आरोप लगाया कि अस्पताल की लापरवाही के कारण ही मरीज़ की मौत हुई है। परिजनों का कहना है कि मरीज़ की हालत गंभीर होने के बावजूद उसे आईसीयू वार्ड में शिफ्ट नहीं किया गया। 

रतलाम के राजस्व कॉलोनी के रहने वाले रमेश राठौड़ का स्वास्थ्य बिगड़ने के बाद मेडिकल कॉलेज में भर्ती किया गया था। मरीज़ को अस्पताल ने कोरोना सस्पेक्टेड माना था। जल्द ही मरीज़ की तबीयत बिगड़ी। लेकिन मरीज़ की हालत गंभीर होने के बावजूद उसे आईसीयू वार्ड में शिफ्ट नहीं किया गया। परिजनों का आरोप है कि इसी वजह से मरीज़ की जान चली गई। 

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मरीज़ की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल में हंगामा खड़ा कर दिया। परिजनों ने आरोप लगाया कि यह अस्पताल अब एक कत्लखाने में तब्दील हो चुका है। अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही को लेकर मरीज़ के परिजनों ने प्रबंधन को जमकर लताड़ा। अस्पताल में बढ़ते हंगामे की सूचना मिलने पर पुलिस पहुंच गई। पुलिस ने जैसे तैसे मामले को शांत कराया और शव को कोरोना प्रोटोकॉल के तहत श्मशान घाट पहुंचाया गया। 

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हालांकि केवल रतलाम मेडिकल कॉलेज पर लापरवाही का यह पहला आरोप नहीं लगा है। आए दिन मृतक के परिजन अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगाते हैं। हाल ही में मंत्री जगदीश देवड़ा के सामने नीमच के रहने वाले परिवार ने रोते बिलखते हुए अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया था। लेकिन जिस तरह से अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही के एक के बाद एक मामले सामने आ रहे हैं, उस वजह से लोगों का अस्पताल और सरकारी सिस्टम से भरोसा उठने लगा है।