रतलाम में सीवरेज साफ करते वक्त धंसी सड़क, सफाईकर्मी की दबकर मौत, सुरक्षा उपकरण के बगैर गहरे गड्ढे में उतरे थे
कर्मचारी संगठन के नेता कमल भाटी ने कहा कि जेसीबी से 10 फीट गहरा, 20 फीट लंबा और 4 फीट चौड़ा गड्ढा खोदा गया था। कर्मचारियों को गड्ढे में उतारते समय ठेका कंपनी ने सुरक्षा के साधन नहीं पहनाए।
रतलाम। मध्य प्रदेश के रतलाम में सिस्टम को शर्मसार करने वाला हादसा हुआ है। यहां सीवर की सफाई करने के लिए गड्ढे में उतरे एक सफाईकर्मी की मौत हो गई। जबकि एक अन्य की हालत गंभीर है। बताया जा रहा है कि बीच सड़क पर 10 फीट गहरे सीवर में बगैर सुरक्षा उपकरण के इन्हें उतरने को मजबूर किया गया था। मामला सामने आने के बाद सफाई कर्मचारियों में आक्रोश है।
सोमवार सुबह नगर निगम और ठेका सफाई कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया। हादसा रविवार देर शाम करीब 8 बजे हुआ था। रतलाम के दिलीप नगर में सीवरेज लाइन साफ करने के लिए रविवार को जेसीबी से खुदाई कर 10 फीट गहरा गड्ढा खोदा गया। दो ठेका कर्मचारी गड्ढे में उतरकर काम कर रहे थे। इसी दौरान सड़क किनारे का हिस्सा धंस गया। मिट्टी-पत्थर कर्मचारियों के ऊपर आ गिरे, वे दोनों दब गए।
सूचना मिलने पर नगर निगम से फायर लॉरी, सालाखेड़ी चौकी प्रभारी मुकेश यादव समेत पुलिस बल पहुंचा। दोनों कर्मचारियों को बाहर निकालकर मेडिकल कॉलेज भिजवाया। यहां डॉक्टरों ने 26 वर्षीय सुनील गौहर निवासी सैफी नगर को मृत घोषित कर दिया। वहीं, 28 वर्षीय बहादुर डामोर निवासी हरथल (रावटी) का इलाज जारी है।
स्थानीय लोगों ने बताया कि एंबुलेंस और फायर लाॅरी देरी से पहुंची थीं। कर्मचारियों के पास सेफ्टी के साधन भी नहीं थे। करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद दोनों को बमुश्किल निकाला जा सका।
सोमवार सुबह करीब 10:30 बजे ठेका कंपनी के सफाई कर्मचारी नगर निगम पहुंचे। यहां नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। कर्मचारी संगठन के नेता कमल भाटी ने कहा कि जेसीबी से 10 फीट गहरा, 20 फीट लंबा और 4 फीट चौड़ा गड्ढा खोदा गया था। कर्मचारियों को गड्ढे में उतारते समय ठेका कंपनी ने सुरक्षा के साधन नहीं पहनाए। हेलमेट और अन्य साधन होते तो सुनील की जान नहीं जाती।
उन्होंने कहा कि मृतक सुनील के परिजन को एक करोड़ रुपए का मुआवजा और एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए। साथ ही नगर निगम में ठेका प्रथा को खत्म किया जाए।