कर्ज लेकर घर चला रहे घर, CM शिवराज अब नहीं कर रहे मदद, सीधी पेशाब कांड पीड़ित ने ज्वाइन की भीम आर्मी

Sidhi Urination Case: बीते जुलाई माह में सीधी के रहने वाले दशमत पर भाजपा नेता द्वारा पेशाब करने के बाद आनन-फानन में सीएम शिवराज ने उन्हें अपने निवास पर बुलाकर पैर धोकर सम्मान किया था।

Updated: Nov 09, 2023, 04:45 PM IST

सीधी। सीधी पेशाब कांड मामले में नया मोड़ सामने आया है। पेशाब कांड के पीड़ित आदिवासी व्यक्ति दशमत रावत ने भीम आर्मी ज्वाइन कर ली है। दशमत ने कहा कि वह कर्ज लेकर घर चलाने को मजबूर हैं। पैर धोकर सम्मान करने वाले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अब उनकी कोई खोज खबर नहीं ले रहे हैं। यहां तक कि मुख्यमंत्री ने दशमत को जो अपना मोबाइल नंबर दिया था उसपर कॉल भी नहीं उठा रहे हैं।

बता दें कि इसी साल जुलाई माह में सीधी के रहने वाले दशमत का एक पुराना वीडियो वायरल हुआ था। इसमें भाजपा नेता द्वारा दशमत के सिर पर पेशाब किया जा रहा था। घटना को लेकर भाजपा और मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार की देशभर में आलोचना हुई थी। वीडियो के चलते बैकफुट पर आए सीएम शिवराज ने आनन-फानन में पीड़ित युवक दशमत रावत को मुख्यमंत्री निवास पर बुलाकर पैर धोकर सम्मान किया था। 

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सीएम चौहान ने दश्मत को अपना मोबाइल नंबर देकर कहा था कि जब भी उन्हें कुछ जरूरत हो तो कॉल कर सकते हैं। पब्लिसिटी स्टंट के लिए तब तो सीएम ने बड़े बड़े वादे और दावे किए थे। सीएम शिवराज ने कहा था कि अपनी जोड़ी अब सुदामा जैसी है। कोई भी कैसी भी जरूरत हो तुरंत कॉल कर देना। मैं हर संभव मदद करूंगा। हालांकि, अब चार महीने में ही दशमत की स्थिति बदतर हो गई, लेकिन सीएम मदद तो दूर फोन भी नहीं उठा रहे।

पीड़ित युवक दशमत रावत का कहना है कि मुख्यमंत्री के किए गए सहयोग का पैसा अब घर के निर्माण में पूरी तरह से खर्च हो गया है। अब उसके लिए जीवकोपार्जन के लिए खर्चा नहीं है। इसलिए वह मजदूरी करना चाहता है। लेकिन घर में चार पुलिसकर्मी तैनात रहते हैं। इसलिए वह मजदूरी नहीं कर पाता है। इतना ही नहीं उसने कहा कि वह उधारी लेकर अपने घर के खर्च चल रहा है। पुलिस कर्मियों के घर में रहने के कारण वह अपने आप को जेल में बंद महसूस करता है। इसलिए उसने पुलिस अधीक्षक और कलेक्टर सीधी को एक पत्र देकर पुलिस हटाए जाने की मांग की थी।

बहरहाल, सीएम शिवराज सिंह के रवैए से परेशान होकर दशमत ने बीते दिन चंद्रशेखर आजाद की आजाद पार्टी में सदस्यता ले ली। हालांकि, अभी भी चार पुलिसकर्मी दशमत की सुरक्षा में तैनात रहते हैं। चंद्रशेखर आजाद की अजाक्स पार्टी द्वारा लोगों ने भरोसा दिलाया कि उनके जनप्रतिनिधि अगर जीतेगा तो उसे मदद करेगा और भरोसे से उसने अजाक्स पार्टी को ज्वाइन करते हुए अपने घर में झंडा लगा लिया।