नशे में मदमस्त होकर किसानों को रौंद रही सरकार, गुना में किसान की संदिग्ध मृत्यु पर बोले कमलनाथ
मध्य प्रदेश में खाद बीज की क़िल्लत विकराल रूप ले चुकी है, सरकार पता नहीं किस नशे में मदमस्त होकर किसानों को रौंद रही है। अन्नदाता सरकार के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाता है, तो शाम को उसकी मृत्यु की खबर आ जाती है: कमलनाथ
भोपाल। मध्य प्रदेश में खाद संकट गहराता जा रहा है। प्रदेश में बड़े पैमाने पर खाद की किल्लत उत्पन्न हो गई है। स्थिति ये है कि किसानों को एक बोरी खाद के लिए दिन-रात कतार में खड़ा रहना पड़ रहा है। इसके बावजूद उन्हें निराशा ही हाथ लग रही है। मजबूर किसान आत्मघाती कदम तक उठाने लगे हैं। गुना से एक ऐसा ही मामला सामने आया है जहां खाद नहीं मिलने से परेशान एक किसान ने कठिन तौर पर आत्महत्या कर ली।
इस मामले पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। कमलनाथ ने ट्वीट किया, 'मध्य प्रदेश के गुना जिले के झागर गाँव के किसान भगवत किरार की दिन भर खाद की लाइन में खड़े रहने के बाद शाम को संदिग्ध परिस्थितियों में मौत की खबर विचलित करती है।मृतक किसान ने खाद न मिलने पर दिन में एक वीडियो जारी कर खाद वितरण व्यवस्था में भारी गड़बड़ी और भ्रष्टाचार की बात कही थी। एक किसान का बीजेपी सरकार पर खुलेआम भ्रष्टाचार का आरोप लगाने के कुछ ही घंटे बाद उसकी मृत्यु की खबर कई सवालों और संदेहों को जन्म देती है।
बताया जाता है कि मृतक किसान का पोस्टमार्टम कराये बिना ही आनन फ़ानन में अंतिम संस्कार भी कर दिया गया, इससे मृत्यु की असली वजह भी सामने नहीं आ सकी है। कुछ लोग इसे दबी ज़ुबान में खाद न मिलने से त्रस्त होकर किसान द्वारा आत्महत्या करने का मामला भी बता रहे हैं। मुख्यमंत्री जी,
मध्यप्रदेश में खाद बीज की क़िल्लत विकराल रूप ले चुकी है, सरकार पता नहीं किस नशे में मदमस्त होकर किसानों को रौंद रही है। अन्नदाता सरकार के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाता है, तो शाम को उसकी मृत्यु की खबर आ जाती है। मध्यप्रदेश में ये कौन सा तालिबानी शासन चल रहा है?
बता दें कि घटना गुना जिले की बमोरी तहसील के झागर गांव की है, जहां लगभग 45 वर्षीय किसान भगवत सिंह किरार की रविवार रात मृत्यु हो गई। किरार ने कथित तौर पर फांसी लगाकर आत्महत्या की। इसके पहले मृतक किसान ने वीडियो बनाकर जिले में खाद वितरण में व्याप्त अनियमितता से लेकर कालाबाजारी तक की पोल खोली थी। साथ ही अफसरों पर भी गंभीर आरोप लगाए थे।
मौत से ठीक पहले किसान ने वीडियो बनाकर कहा था कि मैं छोटा सा किसान हूं। मेरी सरकार से निवेदन है कि जिसके पास जमीन है जितनी, उतना उसको खाद दिया जाए। मेरे पास कम जमीन है। मुझे एक भी दाना खाद का नहीं मिला। 1350 का मिल रहा है सरकारी रेट लेकिन हमें तीन -तीन हजार का बेचते हैं। तहसीलदार, पटवारी खाद को बेंच रहे हैं। यहां बहुत बड़ा फर्जीवाड़ा हो रहा है। खाद को नियम से बंटवाया जाए।