सम्राट मिहिर भोज की जाति का आप भी दे सकते हैं प्रमाण, 4 अक्टूबर तक का है समय

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने इस मामले में एक जांच कमेटी का गठन किया है, जिसे एतिहासिक दस्तवाजों के आधार पर सम्राट मिहिर भोज की जाति का पता लगाना है

Updated: Sep 27, 2021, 08:53 AM IST

ग्वालियर। अगर आपके पास ऐसा कोई साक्ष्य है, जिससे सम्राट मिहिर भोज की जाति प्रमाणित हो पाए। तो ग्वालियर एसडीएम का कार्यालय आपके लिए खुला हुआ है। आप वहां जा कर सम्राट मिहिर की जाति से जुड़े साक्ष्य दे सकते हैं। इसके लिए ग्वालियर प्रशासन ने 4 अक्टूबर का समय दिया है। 

सम्राट मिहिर की जाति से जुड़ा साक्ष्य एसडीएम लश्कर अनिल बनबारिया का समक्ष रखा जा सकता है। इसके लिए यह कतई ज़रूरी नहीं है कि आप उस जाति से ताल्लुक रखते हों, जिनको लेकर विवाद बढ़ा हुआ है। क्षत्रिय और गुर्जर समाज के इतर भी लोग साक्ष्य दे सकते हैं। इसके लिए 4 अक्टूबर शाम पांच बजे तक की समयसीमा तय की गई है।

यह सारी कवायद मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के एक आदेश के बाद शुरू हुई है। हाई कोर्ट के आदेश के बाद संभाग आयुक्त आशीष सिंह के नेतृत्व वाली जांच समिति सम्राट मिहिर की जाति का पता लगाने में जुट गई है। इसके लिए समिति ने इतिहास के दस्तावेजों को खंगालना शुरू कर दिया है। वहीं इस मामले में इतिहासकारों की भी मदद ली जा रही है। इसी कवायद से जुड़ने के लिए लोगों को भी विकल्प दिया गया है।  

8 सितंबर को ग्वालियर नगर निगम ने शीतला माता रोड पर स्थित चौराहे पर राजा मिहिर भोज की प्रतिमा लगाई थी। प्रतिमा की पट्टिका पर सम्राट भोज को गुर्जर समाज का बताया गया था। जिसके बाद क्षत्रिय और गुर्जर समाज आमने सामने आ गए थे। दोनों ही वर्गों का दावा था कि सम्राट का ताल्लुक उनकी जाति से था। 

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जल्द ही इस पूरे मामले ने जातीय संघर्ष का रूप धारण कर लिया और ग्वालियर सहित मुरैना में हिंसक घटनाएं सामने आईं। लगातार घटित हो रही हिंसक घटनाओं के बाद प्रशासन ने सख्ती बरतना शुरू किया। 

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दूसरी तरफ यह सारा विवाद मध्य प्रदेश हाई कोर्ट पहुंचा। हाई कोर्ट की ग्वालियर खंड पीठ ने इस मामले में एक जांच समिति बनाई, जिसे सम्राट की जाति का पता लगाने की ज़िम्मेदारी दी गई। कोर्ट ने अगली सुनवाई की तारीख 20 अक्टूबर तय कर दी और तब तक सम्राट की प्रतिमा की पट्टिका को ढंक देने का फरमान सुना दिया। पट्टिका को ढंकने गई प्रशासनिक टीम पर शनिवार देर रात गुर्जर समाज के लोगों ने हमला कर दिया। लेकिन जैसे तैसे प्रशासनिक टीम पट्टिका को ढंकने में कामयाब हो गई।