बैरसिया: सरपंच पद ST वर्ग के लिए आरक्षित, लेकिन पूरे पंचायत में इस कैटेगरी का एक भी वोटर नहीं

औबेदुल्लागंज ब्लॉक की बैरसिया ग्राम पंचायत में सरपंच का चुनाव कैंसिल, आरक्षण प्रक्रिया में हुई बड़ी चूक, एसटी वर्ग के लिए आरक्षित था सरपंच पद, लेकिन नहीं मिला इस कैटेगरी का एक भी वोटर

Updated: Jun 23, 2022, 05:39 AM IST

Photo Courtesy: Asianet
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औबेदुल्लागंज। मध्य प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए प्रचार प्रसार जोरों पर है। दर्जनों पंचायतों में निर्विरोध निर्वाचन देखने को मिला वहीं एक पंचायत ऐसा भी है जहां सरपंच पद के लिए चुनाव टाल दिया गया है। प्रशासन ने ये निर्णय आरक्षण प्रक्रिया में हुई विसंगतियों के कारण लिया है।

मामला औबेदुल्लागंज ब्लॉक की बैरसिया ग्राम पंचायत का है। दरअसल, यहां सरपंच का पद अनुसूचित जनजाति (ST) वर्ग के लिए आरक्षित था। जबकि पूरे पंचायत में एसटी वर्ग का एक भी मतदाता नहीं है। ऐसे में सरपंच पद के लिए किसी ने नामांकन दाखिल नहीं किया। पंच पद को लेकर भी स्थिति यही है। अब यहां दोबारा आरक्षण की प्रक्रिया होगी और छह महीने बाद चुनाव कराए जाएंगे।

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जानकारी के मुताबिक बैरसिया ग्राम पंचायत में कुल 675 मतदाता हैं। यहां पंच के 11 पद हैं। इसमें से 6 पदों के लिए आवेदन आए थे। इनमें से भी 3 के फॉर्म निरस्त हो गए। ऐसे में 3 पंच र्निविरोध चुने गए और 8 पद खाली है। यहां के मतदाता अब जनपद व जिला पंचायत सदस्य के लिए ही वोटिंग कर सकेंगे। सरपंच पद का चुनाव न होने के कारण ग्रामीण नाराज हैं।

बैरसिया ग्राम पंचायत के सरपंच उत्तम सिंह राजपूत के मुताबिक साल 2016 में मंडीदीप निकाय का परिसीमन हुआ था। तब ये गांव सिमराई पंचायत के अंतर्गत था और यहां एसटी वर्ग के मतदाता थे। लेकिन बाद में सिमराई को नगर निगम का हिस्सा बना दिया गया और तीन गांव बैरसिया, शोभापुर, डांट खेड़ा को मिलाकर बैरसिया पंचायत बनाई गई। इन तीन गांव में एक भी एसटी वर्ग का व्यक्ति नहीं है। एसडीएम आदित्य शर्मा ने बताया कि अब 6 महीने बाद यहां चुनाव कराया जाएगा।