अब मैं भाई साहब बनकर खुश हूं, महाराज मेरा अतीत था, आशीर्वाद यात्रा के अंतिम दिन बोले सिंधिया

ज्योतिरादित्य सिंधिया की जन आशीर्वाद यात्रा का आज अंतिम दिन है, यात्रा शुरु करने से पहले सिंधिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया

Publish: Aug 19, 2021, 10:01 AM IST

इंदौर। जन आशीर्वाद यात्रा के अंतिम दिन केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भाजपा कार्यालय में बैठकर मीडिया से चर्चा की। अब तक अपने प्रशंसकों और आलोचकों के बीच महाराज के नाम से जाने जाने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि महाराज अब उनका अतीत है। अब वे भाई साहब बनकर ही खुश हैं। कांग्रेस अमूमन सिंधिया को लेकर यही कहती रही है कि सिंधिया जब तक कांग्रेस में थे तब तक उनका सम्मान था, लेकिन बीजेपी ने अब उन्हें भाई साहब बना दिया है।  

इसी कड़ी में आज सिंधिया ने इंदौर में यह बात कही कि महाराज अब उनका अतीत हो गया है, भाई साहब में ही वे अब खुश हैं। सिंधिया ने आगे कहा कि कोई व्यक्ति जीवन पर्यंत भाई और बेटा बनकर रह सकता है। भाई और बेटा बनना सौभाग्य की बात होती है। मुझे इस बात की खुशी है कि मुझे भाई बनने का मौका मिला। सिंधिया ने सीएम बनने की इच्छा से जुड़े सवाल पर कहा कि उनकी सीएम बनने की कोई महत्वकांक्षा नहीं है। केवल जनता की सेवा करने ही उनका एकमात्र ध्येय है।  

ज्योतिरादित्य सिंधिया इस समय प्रदेश में जन आशीर्वाद यात्रा निकाल रहे हैं। सिंधिया की जन आशीर्वाद यात्रा का आज आखिरी दिन है। आखिरी दिन की यात्रा शुरू होने से पहले उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि 1 सितंबर से मध्य प्रदेश में 67 फ्लाईट्स शुरू हो रही हैं। लेकिन सिंधिया यहां भी कांग्रेस को घेरना नहीं भूले। सिंधिया ने पूरवर्ती कांग्रेस की सरकारों की आलोचना करते हुए कहा कि कांग्रेस के 70 सालों में देश में 75 एयरपोर्ट थे, जबकि भाजपा ने अपने 7 साल के कार्यकाल में 61 एयरपोर्ट बना डाले।  

गद्दारी के रंग में अपने पिता को भूल गए सिंधिया : कांग्रेस 

सिंधिया के इस बयान पर तुरंत ही कांग्रेस ने भी पलटवार कर दिया। कांग्रेस नेता नरेंद्र सलूजा ने सिंधिया के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया जी उड्डयन के क्षेत्र में कांग्रेस के 70 साल को कोसते समय ग़द्दारी के रंग में शायद यह भूल गये कि उस दौरान उनके कैलाशवासी पिताजी भी कांग्रेस सरकार में उड्डयन मंत्री थे और एक विमान दुर्घटना पर उन्होंने नैतिक ज़िम्मेदारी लेते हुए इस्तीफ़ा भी दिया था?