एक महीने में ही वादे से पलटी शिवराज सरकार, अतिथि शिक्षकों को 2 दिन में कार्यमुक्त करने का दिया निर्देश

आदेश में कहा गया है कि "सभी संकुल प्राचार्यों को निर्देशित किया जाता है कि जिन विद्यालयों में रिक्त पदों पर नियमित शिक्षकों की पदस्थापना हो चुकी है, ऐसे विद्यालयों से अतिथि शिक्षकों के आनलाइन बिल जनरेट कर दो दिन में कार्यमुक्त करें। ऐसा न किए जाने पर और भविष्य में ऐसे मामले सामने आने पर संबंधित के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।"

Updated: Oct 03, 2023, 07:07 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में पिछले महीने आयोजित अतिथि शिक्षकों की पंचायत में सीएम शिवराज ने अतिथि शिक्षकों को परमानेंट करने और मानदेय बढ़ाने का ऐलान किया था। सीएम ने कहा था कि अब अतिथि शिक्षकों को शिक्षा सत्र के बीच में से नहीं निकाला जाएगा। हालांकि, एक महीने में ही स्कूल शिक्षा विभाग ने ठेंगा दिखा दिया है। स्कूल शिक्षा विभाग ने आदेश जारी कर दो दिन के भीतर अतिथि शिक्षकों को कार्यमुक्त करने के निर्देश दिए हैं।

संचालक स्कूल शिक्षा ने आदेश जारी कर कहा है कि जिन स्कूलों में नियमित शिक्षक पदस्थ हो चुके हैं वहां अतिथि शिक्षकों को हटाने का काम कर शासन को इसकी सूचना दें अन्यथा संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी। आदेश में कहा गया है कि नियमित शिक्षकों की उपस्थिति उपरांत बुलाए गए अतिथि शिक्षकों के आनलाइन बिल जनरेट करके कार्यमुक्त करने के निर्देश तब दिए गए थे। प्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों, विकासखंड अधिकारियों और संकुल प्राचार्यों को दिए गए निर्देश में कहा गया है कि अतिथि शिक्षक पोर्टल पर प्राप्त जानकारी के मुताबिक नियमित शिक्षकों की विद्यालय में उपस्थिति के बाद भी संकुल प्राचार्यों द्वारा अतिथि शिक्षकों को जीएफएमएस पोर्टल से कार्यमुक्त नहीं किया गया है। 

आदेश में आगे लिखा गया है कि यह शासन के आदेश की अवहेलना और घोर अनियमितता का द्योतक है। इसलिए सभी संकुल प्राचार्यों को निर्देशित किया जाता है कि जिन विद्यालयों में रिक्त पदों पर नियमित शिक्षकों की पदस्थापना हो चुकी है, ऐसे विद्यालयों से अतिथि शिक्षकों के आनलाइन बिल जनरेट कर दो दिन में कार्यमुक्त करें। ऐसा न किए जाने पर और भविष्य में ऐसे मामले सामने आने पर संबंधित के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

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बता दें कि बीते 2 सितंबर को सीएम चौहान ने भोपाल में अतिथि शिक्षकों के महासम्मेलन में बड़ी बड़ी घोषणाएं की थी। उन्होंने कहा था कि, 'अभी पीरियड के हिसाब से मानदेय देने की व्यवस्था है। जोकि अब महीने के हिसाब से मिलेगा।।साल के बीच में कोई गैप नहीं होगा 1 साल के लिए पूरा अनुबंध होगा। अभी तक अतिथि शिक्षकों को परमानेंट करने के लिए 25% का आरक्षण था उसे अब 50% किया जाएगा। यह सभी घोषणाएं तत्काल लागू होंगी।' हालांकि, अब स्कूली शिक्षा विभाग ने एक महीने में ही सीएम के ऐलान को जुमला साबित कर दिया है।