शिवराज सरकार की माली हालत खराब, बाजार से चौथी बार लिया 1 हजार करोड़ का कर्ज

शिवराज सिंह चौहान सरकार 7, 13 और 21 अक्टूबर को बाज़ार से एक-एक हजार करोड़ रुपये क़र्ज़ ले चुकी है

Updated: Nov 05, 2020, 03:10 PM IST

Photo Courtesy: Indian Express
Photo Courtesy: Indian Express

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान उपचुनाव के दौरान सभाओं में बार-बार कहते रहे कि उनकी सरकार के पास पैसों की कोई कमी नहीं है, लेकिन मीडिया में आई खबर के मुताबिक सच्चाई इससे बिलकुल अलग है। दैनिक भास्कर की खबर के मुताबिक शिवराज सरकार की माली हालत इतनी खराब है कि उसे बार-बार बाज़ार से कर्ज़ लेना पड़ रहा है। 

हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि शिवराज सरकार को एक महीने में चौथी बार बाजार से कर्ज लेना प़ड़ा है। बुधवार को राज्य सरकार ने बाजार से एक हजार करोड़ रुपए का कर्ज लिया। इससे पहले शिवराज सिंह चौहान सरकार ने 7, 13 और 21 अक्टूबर को भी बाजार से एक-एक हजार करोड़ रुपए का कर्ज लिया था। जबकि उपचुनावों से  ठीक पहले शिवराज चौहान ने हजारों करोड़ रुपये के नए प्रोजेक्ट्स का एलान किया। इतना ही नहीं, वे बार-बार सभाओं में कहते रहे कि कमलनाथ सरकार पैसों की कमी का रोना रोती रहती थी, जबकि मेरी सरकार कहती है कि पैसों की कोई कमी नहीं है। 

हकीकत शिवराज सिंह चौहन के दावों से बिलकुल उलटी है।सच ये है कि उनकी सरकार ने अपने 7 महीने के कार्यकाल में नौ बार बाजार से कर्ज लिया है। लॉकडाउन के चलते सरकार के राजस्व में आई भारी कमी ने संकट को और बढ़ाया है। रही सही कसर जीएसटी में लगातार कमी होती कमी ने पूरी कर दी है। जनवरी से अब तक सरकार पर 22 हजार करोड़ रुपए का कर्ज बढ़ा है। 

जानकारी के मुताबिक, राज्य सरकार 15 हजार करोड़ रुपए सिर्फ ब्याज पर खर्ज कर रही है। अगर 2017 की बात करें तो यह ब्याज तब 12,695 करोड़ रुपए था, जो 2018 में बढ़कर 14,432 करोड रुपए हो गयाl 2019 में ब्याज का बोझ कुछ घटकर 13,751 करोड़ रुपये हुआ था, जो 2020 में एक बार फिर से बढ़कर 16,460 करोड़ रुपए होने की आशंका है।

आपको बता दे, शिवराज सिंह चौहान ने राज्य में उपचुनावों से पहले बड़े-बड़े वादे किए थे। हजारों करोड़ के नए प्रोजेक्ट्स का ऐलान किया था। लेकिन फिलहाल सरकार की हालत देखते हुए उन घोषणाओं पर सवाल उठने लगे हैं कि उन प्रोजेक्ट्स के लिए पैसा कहां से आयेगा।