राज्य महिला आयोग के अध्यक्ष पद से शोभा ओझा का इस्तीफा, शिवराज सरकार पर लगाए गंभीर आरोप

शोभा ओझा ने भाजपा शासित राज्य सरकार पर महिला आयोग जैसे संवैधानिक निकाय को अधिकारविहीन, शक्तिहीन और पंगु बनाने का आरोप लगाया है

Updated: Jun 24, 2022, 11:11 AM IST

Photo Courtesy: The Indian Express
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भोपाल। मध्य प्रदेश राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष शोभा ओझा ने इस्तीफा दे दिया है। शोभा ओझा ने इसकी घोषणा इंदौर प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए की है। उन्होंने कहा कि सरकार में अगर महिलाओं के प्रति जरा भी संवेदना होती तो वह महिलाओं को न्याय दिलाने वाले राज्य महिला आयोग को भंग करने की कोशिश नहीं करती। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश महिला अत्याचारों के मामले में नंबर 1 है, इसके बाद भी सरकार, मुख्यमंत्री और  पुलिस महिलाओं के प्रति पूरी तरह से असंवेदनशील हैं। उनका आरोप है कि पुलिस की असंवेदनशीलता और न्याय में देरी के लिए प्रदेश की बीजेपी सरकार पूरी तरह जिम्मेदार है।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भेजे इस्तीफे में शोभा ओझा ने लिखा कि आपकी सरकार ने राज्य महिला आयोग की संवैधानिक रूप से गठित कार्यकारिणी को भंग करने का प्रयास कर और उसे न्यायिक प्रक्रियाओं में उलझाकर हजारों महिलाओं को न्याय से वंचित करने का अन्यायपूर्ण व अक्षम्य कार्य किया है। राजनीतिक स्वार्थों की खातिर महिला सुरक्षा और उनके अधिकारों की बलि चढ़ाने का जो पाप आपकी सरकार ने किया है, वह पूरी तरह से अस्वीकार्य है।

ओझा का कहना है कि राज्य महिला आयोग जैसे संवैधानिक निकाय को अधिकारविहीन करने से सरकार की "बेटी बचाओ" और "नारी सुरक्षा" जैसी कोशिशें कमजोर होती हैं और यह नारों के खोखलेपन और वास्तविक मंशा को उजागर करती प्रतीत होती हैं। 

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इन परिस्थितियों का हवाला देते हुए शोभा ओझा ने कहा कि, मैं महिला आयोग के एक ऐसे असक्त मुखिया की भूमिका में हूं, जिसके सारे अधिकार छीन लिए गए हैं। मैं चाह कर भी महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और अधिकारों के लिए कुछ नहीं कर पा रही हूँ। लिहाजा मैं आयोग के अध्यक्ष पद की संवैधानिक बाध्यताओं को त्यागकर उन्मुक्त और खुले मन से पीड़ित, शोषित और दमित महिलाओं की व्यथा और वेदना को स्वर देने के अपने संघर्ष को अन्य मंचों से जारी रखने का संकल्प और पवित्र उद्देश्य लिए अपने पद से इस्तीफा देना चाहती हूं।

गौरतलब है कि शोभा ओझा की राज्य महिला आयोग के अध्यक्ष पद पर नियुक्ति पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के कार्यकाल में की गई थी। इससे पहले  वो कांग्रेस की तरफ से मीडिया का प्रभार भी संभाल चुकी हैं। निकाय चुनाव के वक्त शोभा ओझा के इस ऐलान से सरकार की महिलाओं के हित के लिए जिम्मेदार इस संस्था पर इस तरह के आरोप से उन्हें नुकसान हो सकता है।