छतरपुर में खाद के लिए मची भगदड़, किसान के पैर की उंगलियां टूटी, भूखे-प्यासे लाइन में लगे महिला और बुजुर्ग
खाद के लिए कतार में लगी महिला रामरति ने बताया कि वह खाद के लिए कई दिनों से परेशान है। हम लोग सुबह से भूखे-प्यासे लाइन में लगे हैं। हमारा लड़का गिर गया, जिससे उसको गंभीर चोट आई है।
छतरपुर। मध्य प्रदेश में खाद संकट गहराता जा रहा है। प्रदेश में बड़े पैमाने पर खाद की किल्लत उत्पन्न हो गई है। स्थिति ये है कि किसानों को एक बोरी खाद के लिए दिन-रात कतार में खड़ा रहना पड़ रहा है। इसके बावजूद उन्हें निराशा ही हाथ लग रही है। छतरपुर में सोमवार को खाद का टोकन लेने पहुंचे किसानों के बीच भगदड़ मच गई।
भगदड़ में एक किसान के पैर की दो उंगलियां सीढ़ी ढहने से टूट गईं। नाराज किसान तहसीलदार की गाड़ी के सामने बीच रोड पर लेट गया। फिर तहसीलदार ने किसान को समझाइश देकर अस्पताल भिजवाया। मामला तूल पकड़ने के बाद किसानों के साथ अमर्यादित आचरण करने वाले एमपी एग्रो के कर्मचारी अमन सैनी की सेवा समाप्त कर दी गई है। वहीं जिला प्रबंधक को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
जानकारी के अनुसार बुवाई का सीजन होने के कारण एक हफ्ते से किसान खाद के लिए वेयरहाउस और दुकानों के चक्कर लगा रहे हैं। सोमवार को खाद वितरण की सूचना मिलते ही किसान जवाहर रोड स्थित आईसीआईसीआई बैंक के पास एग्रो में सुबह 8 से पहुंच गए। जब 10 बजे तक कोई अधिकारी नहीं पहुंचा तो किसानों ने रोड पर जाम लगा दिया। कुछ समय बाद अधिकारियों ने जल्द खाद देने की बात पर किसानों से जाम खुलवाया।
टोकन बांटने के लिए एक कर्मचारी जैसे ही किसानों के बीच पहुंचा, सभी ने उन्हें घेर लिया। इस दौरान टोकन लेने भगदड़ मच गई। घायल छापर निवासी लक्ष्मण सिंह ने बताया कि वह खाद लेने के लिए छतरपुर आए थे। अधिकारी सीढ़ी पर खड़े होकर पर्ची बांट रहे थे, तभी सीढ़ी पर भार बढ़ने वो टूट गई।
खाद के लिए कतार में लगी महिला रामरति ने बताया कि वह खाद के लिए कई दिनों से परेशान है। अधिकारियों ने कहा था कि सोमवार को खाद मिलेगा। इसके लिए हम लोग सुबह से भूखे-प्यासे लाइन में लगे हैं। हमारा लड़का गिर गया, जिससे उसको गंभीर चोट आई है।
सटई से आए किसान कमलेश पटेल ने बताया कि सुबह 6 से खाद के लिए आए हैं। न खाना खाया और न ही पानी पिया है। यहां पर कहा जाता है कि आपको खाद यहां नहीं मिलेगा मंडी जाओ। हम लोग मंडी जाते हैं तो वहां कहा जाता है कि आप लोग एग्रो जाओ। यहां हम खाद के लिए रोज परेशान हो रहे हैं।
बता दें कि दो दिन पहले ही पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने खाद संकट को लेकर राज्य सरकार पर हमला बोला था। कमलनाथ ने कहा था कि मध्य प्रदेश का किसान खाद संकट से जूझ रहा है और सरकार किसानों को राहत देने की बजाय इंवेट और चुनाव प्रचार में व्यस्त है। हैरानी की बात है कि केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और पूर्व केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के गृह जिले में भी खाद का भीषण संकट बरकरार है। किसान पूरी पूरी रात जागकर खाद मिलने का इंतज़ार कर रहे हैं, सरकार आँख और कान बंद कर अपनी मस्ती में मस्त है।