नीमच में भाजपा की जन आशीर्वाद यात्रा पर पथराव, रथ पर सवार थे कैलाश विजयवर्गीय, कई वाहन क्षतिग्रस्त

मध्य प्रदेश के नीमच स्थित मनासा में बीजेपी की जन आशीर्वाद यात्रा पर मंगलवार रात पथराव किया गया। घटना के वक्त रथ कर कैलाश विजयवर्गीय और मंत्री मोहन यादव रथ पर सवार थे।

Updated: Sep 06, 2023, 08:31 AM IST

नीमच। विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा प्रदेशभर में आशीर्वाद यात्राएं निकाल रही है। भाजपा की यात्रा का भारी विरोध भी देखने को मिल रहा है। नीमच में तो ग्रामीणों ने आशीर्वाद यात्रा पर पथराव कर दिया। इस दौरान रथ पर कैलाश विजयवर्गीय और मंत्री मोहन यादव सवार थे। गनीमत रही कि इस घटना में किसी को चोट नहीं आई।

घटना मंगलवार रात करीब 8 बजे जिला मुख्यालय से 75 किलोमीटर दूर रामपुरा क्षेत्र के राउली कुड़ी गांव में हुई। यात्रा पर हमले की वजह चीता प्रोजेक्ट को लेकर विरोध बताया जा रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक सैंकड़ों की संख्या में मौजूद ग्रामीणों ने यहां सड़क पर पत्थर जमा कर यात्रा को रोकने की कोशिश की। लेकिन जब यात्रा नहीं रुकी तो उनमें से कुछ लोगों ने पत्थर फेंकने शुरू कर दिए। इस हमले में यात्रा में शामिल कई वाहनों के कांच फूट गए। 

दरअसल, कूनो के बाद चीतों का एक और नया ठिकाना मंदसौर का गांधीसागर अभ्यारण में प्रस्तावित है। वन विभाग चीता प्रोजेक्ट के तहत जंगल में फेंसिंग कर रहा है। जिससे ग्रामीणों के पशुओं को आने जाने नहीं दिया जा रहा है। इसी बात को लेकर ग्रामीणों में आक्रोश है। बहरहाल, इस घटना पर अब राजनीति भी शुरू हो गई है। भाजपा नेताओं ने इसके पीछे कांग्रेस का हाथ बताया है। भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि पत्थर चलाने वाले जय-जय कमलनाथ के नारे लगा रहे थे।

मामले पर कांग्रेस के प्रभारी महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला की भी प्रतिक्रिया सामने आई है। सुरजेवाला ने कहा, 'नीमच का ये वीडियो तकलीफ़देह है, पर धरातल की असलियत भी दर्शाता है। शिवराज की अवसरवाद यात्रा के ख़िलाफ़ ग़ुस्सा बढ़ता जा रहा है। पाप का घड़ा भर गया है। जहां हम हिंसा के कदापि पक्षधर नहीं, पर आक्रोशित युवाओं और महिलाओं को पुलिसीया डंडों से पीटना, दबाना भी उचित नहीं। मेरी मध्यप्रदेश के 8.5 करोड़ साथियों से विनम्र अनुरोध है कि केवल वोट की चोट से भाजपा को सबक़ सिखायें। मेरा शिवराज जी से भी अनुरोध है कि आए दिन जनता के विरोध को देखते हुए कुछ सीख लें और अवसरवाद यात्रा को फ़ौरन समाप्त कर दें ताकि प्रदेश की शांति भंग न हो।'