कटनी में स्वाइन फीवर का कहर, 85 सूअरों की मौत, 115 सुअर संक्रमित

मध्यप्रदेश के कटनी जिले में 85 सुअरों की मौत का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि इन सुअरों की मौत अफ्रीकन स्वाइन फीवर से हुई है। इस फीवर से करीब 115 सुअर संक्रमित भी पाए गए हैं।

Updated: Nov 08, 2022, 06:49 AM IST

कटनी। लंपी स्किन डिजीज के बाद अब मध्य प्रदेश के जानवरों में फैलने वाली एक और खतरनाक बीमारी का कहर बढ़ने लगा है। राज्य में अफ्रीकन स्वाइन फ्लू से सुअरों की मौत हो रही है। कटनी जिले में अब तक 85 सुअरों की मौत हो चुकी है और 115 सुअरों को अफ्रीकी स्वाइन बुखार से संक्रमित होने के रूप में पहचाना गया है।

प्रशासन इलाके में सर्वे कर संक्रमित सुअरों को पकड़ने की तैयारी कर रहा है। सुअरों मालिकों को मुआवजे की राशि भी दी जाएगी। उप निदेशक पशु चिकित्सा विभाग आरके सिंह ने कहा, क्षेत्र में संक्रमित सुअरों की पहचान के लिए सर्वेक्षण कार्य जारी है। इसकी रोकथाम के लिए दो जोन बनाए गए हैं। एक 'संक्रमित क्षेत्र' है, जो संक्रमित स्थान के एक किलोमीटर के दायरे में घूमता है और दूसरा 'निगरानी क्षेत्र' है, जो नौ किलोमीटर के दायरे में क्षेत्र को कवर करता है।

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सिंह ने कहा कि चार टीमें क्षेत्र में सर्वेक्षण करने में लगी हुई हैं। सर्वेक्षण दो दिनों के भीतर पूरा होने की संभावना है। उसके बाद संक्रमित क्षेत्रों में सुअरों को मार देंगे। सुअरों के मालिकों को मुआवजा दिया जाएगा। केंद्र सरकार से मुआवजे की राशि मिल चुकी है और इसे सुअरों के वजन के हिसाब से बांटा जाएगा। सिंह ने बताया कि यह राशि न्यूनतम 2 हजार 200 रुपये और अधिकतम 15 हजार रुपये के बीच होगी। जबलपुर से विशेषज्ञों की टीम भी यहां आएगी। सर्वे पूरा होते ही टीम यहां पहुंच जाएगी और उसके मुताबिक आगे की कार्रवाई की जाएगी।

बता दें कि अफ्रीकन स्वाइन फीवर एक बेहद खतरनाक बीमारी है। इसे कंट्रोल करने की राष्ट्रीय गाइडलाइन के मुताबिक जिस स्थान पर इसका संक्रमण पाया गया है, उसके एक किलोमीटर के दायरे में मौजूद सुअरों की हत्या की जाती है, ताकि दूसरे जानवरों को संक्रमण से बचाया जा सके। इसके अलावा तीन किलोमीटर के दायरों में मौजूद सभी जानवरों की सैंपलिंग कर उनकी निगरानी की जाती है।