कूनो नेशनल पार्क में मादा चीता ज्वाला के दो और शावकों की मौत, दो महीने में 6 चीतों ने तोड़ा दम

दो दिन ने मादा चीता ज्वाला के तीन शावकों की मौत, वन विभाग के मुताबिक गर्मी की वजह से शावकों ने तोड़ा दम, कमजोर, सामान्य से कम वजन एवं अत्यधिक डिहाइड्रेटेड पाए गए थे सभी शावक।

Updated: May 25, 2023, 05:02 PM IST

श्योपुर। कूनो नेशनल पार्क से आज फिर एक बुरी खबर आई है। यहां मादा चीता ज्वाला के दो और शावकों की मौत हो गई है। अत्यधिक गर्मी की वजह पिछले दो दिन में कुल तीन शावकों की मौत हो गई है। वहीं चौथे शावक की स्थिति गंभीर बताई जा रही है। इन चारों शावकों का जन्म यहीं इसी कूनो पालपुर में हुआ था। इस तरह पिछले दो महीने में कुल 6 चीते दम तोड़ चुके हैं।

वन विभाग की ओर से जारी प्रेस नोट के मुताबिक, 'मंगलवार सुबह एक शावक की मृत्यु के बाद पालपुर में तैनात वन्यप्राणी चिकित्सकों की टीम द्वारा अन्य शावकों की दिनभर निगरानी की गई। दोपहर बाद शेष 3 शावक की स्थिति सामान्य नहीं थी। दिन का अधिकतम तापमान लगभग 46-47 डिग्री सेल्सियस रहा था और दिनभर अत्यधिक गर्म हवाएं एवं लू चलती रही। गर्मी को देखते हुए चिकित्सकों की टीम ने तत्काल तीनों शावकों को रेस्क्यू कर आवश्यक उपचार करने का निर्णय लिया। 2 शावकों की स्थिति अत्यधिक खराब होने से उपचार के सभी प्रयासों के बावजूद भी उनको बचाया नहीं जा सका। एक शावक गंभीर हालत में गहन उपचार एवं निगरानी में पालपुर स्थित चिकित्सालय में रखा गया है, जहाँ उसका लगातार उपचार किया जा रहा है।' 

वन विभाग के मुताबिक सभी चीता शावक कमजोर, सामान्य से कम वजन एवं अत्यधिक डिहाइड्रेटेड पाए गये थे। मादा चीता ज्वाला हैण्ड रियर्ड चीता है जो पहली बार माँ बनी है। चीता शावकों की उम्र लगभग 8 हफ्ते हैं इस अवस्था में चीता शावक सामान्यतः जिज्ञासु होते हैं एवं माँ के साथ लगातार चलते हैं, चीता शावकों ने अभी लगभग 8-10 दिन पूर्व ही माँ के साथ घूमना शुरू किया था। चीता विशेषज्ञों के अनुसार सामान्यतः अफ्रीका में चीता शावकों का जीवित रहने का प्रतिशत बहुत कम होता है। स्टैंडर्ड पोटोकाल अनुसार मृत शावकों की पोस्टमार्टम की जा रही है।

कूनो नेशनल पार्क में पिछले 2 महीने के भीतर 3 शावकों सहित कुल 6 चीतों की मौत हो चुकी है। इससे पहले तीन चीते शाशा, उदय सहित तीन चीतों की मौत हुई थी। अब दो दिनों के भीतर ज्वाला चीते के चार नन्हें शावकों में से तीन की मौत हुई है। इसे लेकर विभाग के अधिकारी और मैदानी अमले की कार्यप्रणाली पर एक बार फिर से एक सवाल खड़े हो रहे हैं। क्योंकि, दो महीने में 3 शावकों सहित 6 चीतों की मौत कूनो के अंदर हो चुकी है।

प्रोजेक्ट चीता के तहत पहली खेप में नामीबिया से 8 चीतों को कूनो नेशनल पार्क लाया गया था। इसके बाद 18 फरवरी को दक्षिण अफ्रीका से 12 और चीते कूनो लाए गए थे। इनमें एक एक नर और दो मादा चीतों की मौत हो चुकी है। इस तरह कुल 20 चीतों में से 3 की मौत जाने पर अब 17 नामीबियाई चीते कूनो नेशनल पार्क में बचे है। हालांकि, पहली खेप में नामीबिया से आई सियाया ने 4 शावकों को जन्म दिया था। चार नवजात में तीन की मौत हो गई और एक की हालत गंभीर है। एक शावक को मिलाकर कूनो में अब 18 चीते शेष हैं।