राजगढ़ में प्रसूता की मौत के बाद दो स्टाफ नर्स सस्पेंड, दो डॉक्टरों के निलंबन के लिए भी कलेक्टर ने लिखा पत्र
राजगढ़ के जिला अस्पताल में डिलेवरी के बाद उपचार के दौरान प्रसूता महिला की हुई थी मौत, परिजनों ने डॉक्टरों पर लापरवाही और पैसे लेने के लगाए थे आरोप
राजगढ़। मध्य प्रदेश के राजगढ़ स्थित जिला अस्पताल में प्रसूता की मौत मामले में बड़ी कार्रवाई हुई है। जिला कलेक्टर ने दो स्टाफ नर्स को दोषी मानते हुए सस्पेंड कर दिया है। वहीं, दो महिला डॉक्टरों के निलंबन के लिए कमिश्नर को पत्र भी भेजा है। साथ ही रिश्वत लेने के आरोप में 5 स्टाफ नर्स को प्रसूति वार्ड से हटा गया है।
दरअसल, जिला अस्पताल में बीते दिनों भर्ती प्रसूता ज्योति वर्मा पति रवि वर्मा निवास पड़ाना की मौत के बाद हंगामा हो गया था। इस घटना के बाद प्रसूता के परिजनों के साथ ही कई अन्य मरीजों के परिजनों ने अस्पताल स्टाफ पर लापरवाही और रिश्वत लेने के आरोप लगाए थे।
पूर्व मुख्यमंत्री व राजगढ़ से कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह ने भी इस मुद्दे को उठाया था। ऐसे में कलेक्टर के निर्देश पर जांच टीम बनाई गई जिसके बाद अस्पताल के प्रसूता वार्ड की 5 स्टाफ नर्स रीना वर्मा, धनवंती मेवाड़े, पूजा मीणा, रक्षा त्रिकाय, रिंकी चौरसिया को प्रसूति वार्ड से हटा दिया गया है।
प्रसूता की मौत के मामले में लापरवाही बरतने पर अस्पताल की दो नर्स सीमा मंडरा और राधा नागर को सस्पेंड किया गया है। वहीं अस्पताल की दो महिला डॉक्टर आकांक्षा सिंह और डॉक्टर पूजा तिवारी को सस्पेंड करने के लिए कमिश्नर को पत्र भेजा गया है।
बता दें कि मृतक ज्योति के पति रवि वर्मा ने अस्पताल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा कि उसके ससुर ने डॉक्टर, नर्स और दवाइयों तक के लिए रुपए दिए थे। लेकिन सूचना के 3 घंटे तक ज्योति दर्द से तड़पती रही, पर कोई डॉक्टर देखने तक नहीं आया। बुधवार शाम 7 बजे के करीब ज्योति की मौत हो गई।