झुको उतना ही जितना जीतने के बाद झुक सको, चुनावी मंच पर उमा भारती ने कर दी बीजेपी उम्मीदवार की फ़ज़ीहत

रैगांव विधानसभा सीट पर प्रचार करने पहुंची थीं उमा भारती, इस दौरान जनता को घुटनों तक झुककर प्रणाम करने लगीं बीजेपी प्रत्याशी, उमा भारती ने जनता के सामने ही दे डाली ज्यादा न झुकने की नसीहत

Updated: Oct 25, 2021, 04:06 AM IST

Photo Courtesy: MP breaking
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भोपाल। पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता उमा भारती ने चुनावी मंच पर अपनी ही पार्टी की फजीहत कर डाली। भरी सभा में उमा भारती ने रैगांव से भाजपा की उम्मीदवार प्रतिमा बागरी को ज्यादा न झुकने की सलाह दे डाली। उमा भारती ने जनता के सामने प्रतिमा बागरी से कहा कि उतना ही झुको जितना चुनाव जीतने के बाद झुक सको। 

दरअसल मौका रैगांव सीट पर होने वाले उपचुनाव के प्रचार का था। उमा भारती भाजपा की उम्मीदवार प्रतिमा बागरी के समर्थन में चुनावी सभा को संबोधित कर रही थीं। इस दौरान प्रतिमा बागरी भी मंच पर मौजूद थीं। उमा भारती जब जनता को संबोधित कर रही थीं, तब प्रतिमा बागरी घुटनों तक झुक कर जनता को प्रणाम करने लगीं। 

लेकिन पूर्व केंद्रीय मंत्री को अपनी पार्टी की उम्मीदवार का यह रवैया इतना नागवार गुजरा कि उन्होंने सभा में मौजूद लोगों के सामने ही भाजपा प्रत्याशी की फजीहत कर डाली। उमा भारती ने अपने संबोधन को बीच में रोकते हुए भाजपा प्रत्याशी से कहा कि उतना ही झुको, जितना चुनाव जीतने के बाद झुक सको। 

उमा भारती की इस फजीहत रूपी नसीहत की सोशल मीडिया पर काफी चर्चा हो रही है। सोशल मीडिया यूजर्स इस घटनाक्रम के सियासी अर्थ भी निकाल रहे हैं। लोगों का कहना है कि उमा भारती ने भाजपा और रैगांव सीट से चुनाव लड़ रही उम्मीदवार की पोल खोलकर रख दी है। सोशल मीडिया यूजर्स कह रहे हैं कि उमा भारती ने इशारों इशारों में अपनी पार्टी के लोगों के अहंकार का जनता के सामने पर्दाफाश कर दिया है। 

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रैगांव सीट पर दो अन्य विधानसभा सीटों और खंडवा की लोकसभा सीट पर उपचुनाव होने हैं। इन सीटों पर तीस अक्टूबर को मतदान किए जाएंगे। जबकि दो नवंबर को नतीजे आएंगे। पिछले चुनावों में रैगांव सीट पर भाजपा के जुगल किशोर बागरी ने जीत दर्ज की थी। लेकिन उनकी मृत्यु के बाद यह सीट रिक्त हो गई। भाजपा ने इस सीट पर प्रतिमा बागरी को चुनावी मैदान में उतारा है। जबकि कांग्रेस की तरफ से कल्पना वर्मा चुनावी मैदान में हैं।

इस सीट पर टिकट न मिलने की वजह से बागरी परिवार पहले ही नाराज चल रहा है। जुगल किशोर बागरी के बेटे पुष्पराज बागरी और पुत्रवधु वंदना बागरी का निर्दलीय नामांकन वापस कराने के बावजूद भाजपा की मुश्किलें अभी समाप्त नहीं हुई हैं। और ऐसे वक्त में उमा भारती द्वारा दिया गया यह बयान खुद बीजेपी के लिए बैकफायर कर सकता है।