व्यापम घोटाले में 8 दोषियों को सुनाई गई सज़ा, 7 साल की जेल और दस हजार रुपए का जुर्माना

मध्य प्रदेश पुलिस भर्ती परीक्षा 2012 से जुड़े फर्जीवाड़े के मामले में सीबीआई कोर्ट ने सुनाई सज़ा, तीन उम्मीदवार, तीन सॉल्वर और दो बिचौलिए को सुनाई सज़ा, दो बिचौलियों को कोर्ट ने किया बरी

Publish: Aug 31, 2021, 02:57 PM IST

Photo Courtesy: Patrika
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भोपाल। मध्य प्रदेश के बहुचर्चित व्यापम घोटाले से जुड़े एक मामले में सीबीआई कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है। सीबीआई कोर्ट ने मंगलवार को आठ दोषियों को सज़ा सुनाई है। मामले में सभी दोषियों को 7-7 साल की कैद हुई है। इसके साथ ही कोर्ट ने 10 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। 

सीबीआई कोर्ट का यह फैसला 2012 में हुई मध्य प्रदेश पुलिस भर्ती परीक्षा से जुड़े फर्जीवाड़े के मामले में आया है। मंगलवार को आए फैसले में सीबीआई कोर्ट ने कविंद्र कमलेश, राजेश धाकड़, विशाल, ज्योतिष, नवीन समेत कुल आठ आरोपियों को दोषी माना है। इनमें तीन उम्मीदवार, तीन प्रश्न पत्र के सॉल्वर और दो बिचौलिए हैं। कोर्ट में चार बिचौलियों को पेश किया गया था। लेकिन कोर्ट ने दो बिचौलियों को बरी कर दिया। 

2013 में मध्य प्रदेश में व्यापम घोटाला उजागर हुआ था। पुलिस ने 2001 में हुई पीएमटी प्रवेश परीक्षा में हुए फर्जीवाड़े के सिलसिले में कुल 20 नकली अभ्यर्थियों को गिरफ्तार किया था। ये अभ्यर्थी असली परीक्षार्थियों की जगह परीक्षा देने गए हुए थे। इस घोटाले में जगदीश सागर नामक व्यक्ति का नाम सामने आया था, जो कि घोटाले को अंजाम देने वाले रैकेट का मुखिया था। 

जगदीश सागर की गिरफ्तारी के बाद एक एक कर के इस घोटाले की परतें खुलती चली गईं। 2015 में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी। इस मामले में पूर्व शिक्षा मंत्री और बीजेपी नेता लक्ष्मीकांत शर्मा का भी नाम सामने आया था। जिसके बाद उनकी गिरफ्तारी हुई थी। लक्ष्मीकांत शर्मा अब इस दुनिया में नहीं हैं। इसी साल 31 मई को उनका निधन हो गया था।